अटल जी को उनकी कविता के लिए कानपुर में मिला था 10 रुपए का पुरस्कार
कानपुर। परमाणु परिक्षण कर विश्व में भारत का डंका बजाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्र को रोता बिलखता छोड़कर अनंत यात्रा पर निकल गए। उनकी आत्मा को शान्ति देने के लिए कानपुर के तुलसी उपवन में शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शान्ति के ईश्वर प्रार्थना की गयी। शोक सभा में आये हुए आम जन मानस ने अटल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकों श्रद्धांजलि दी।
शोक सभा आयोजित करने वाले बद्री नारायण तिवारी ने अटल जी के बारे में बताया कि अटल जी तुलसी भक्त थे। अटल जी राजनैतिक दलों से ऊपर थे। बद्री नारायण ने अटल जी की पुराणी स्मृति को याद करते हुए बताया कि अटल जी ने एक कविता लिखी थी जिसपर प्रथम स्वाधीनता दिवस पर कालिका प्रसाद भटनागर ने अटल जी को दस रुपये का पुरूस्कार दिया था।
अटल जी द्धारा लिखी गयी रचना नानाराव पार्क में लगी है जिसको बद्री नारायण तिवारी ने अटल जो को दिखाई थी और उनको बताया था की इसी कविता पर आपकों दस रुपए मिले थे तो वह मुस्करा कर चल दिए थे। ऐसे मृदुभाषी नेता के निधन से गहरा आघात लगा है उनको श्रद्धांजलि देने के लिए सभी वर्गों के लोग आये है।
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