यूपी: सहायक अध्यापक भर्ती मामले में आया नया मोड़, फिर से चेक होंगी कॉपियां
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती आखिरकार एक और टर्निंग प्वाइंट पर पहुंच गई है। अब लिखित परीक्षा में शामिल अभ्यार्थियो की कॉपियां फिर से जचेंगी। यहां से इस भर्ती प्रक्रिया का फिर से नया रूप प्रारंभ होगा। हालांकि कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का अभी कोई लिखित आदेश नहीं जारी हुआ है। लेकिन 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की जांच के लिए गठित त्रिस्तरीय टीम के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने बयान जारी किया है कि 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल होने वाले सभी अभ्यर्थियों की कॉपियां फिर से जचेंगी। इससे यह साफ है कि जल्द ही कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन का आदेश जारी होगा। फिलहाल अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने अपने बयान में कहा है कि कॉपियां फिर से जचेंगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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हाईकोर्ट का रुख सख्त
सहायक अध्यापक भर्ती को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा था। जिस पर सरकार की ओर से महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने मौखिक रूप से कोर्ट को बताया कि कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता भी माना कि बारकोड जांच में अब तक 12 कॉपियों में गड़बड़ी सामने आई है। फिलहाल हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करने को कहा है। जिसमे सरकार 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में अपनाए जाने वाली अगली प्रक्रिया की जानकारी देगी। अब इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार की ओर से शिक्षक नियमावली में संशोधन समेत कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन का आदेश जारी करे और फिर सख्त हाईकोर्ट को हलफनामा देकर समय की मांग कर सके।
बनेगी जांच कमेटी
68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जांच के लिए एक और कमेटी बनाई जाएगी जो अब तक हुई पूरी प्रक्रिया की जांच करेगी और गड़बड़ी कहां से हुई और किसने की? पूरी रिपोर्ट तैयार होगी। इसके बाद परीक्षा नियामक कार्यालय में अफसर-कर्मचारी समेत भर्ती से उन अफसरों पर गाज गिरेगी जिन्होंने इस भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती शुरू होने के बाद 1 लाख 7873 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। लिखित परीक्षा का रिजल्ट 13 अगस्त को जारी हुआ, जिसमें 41556 अभ्यर्थी पास हुये थे। इस दौरान 26944 पद खाली रह गए और यहीं से सारा विवाद शुरू हुआ। पहले कटऑफ घटाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। फिर रिजल्ट में कम अंक पाने वालों ने स्कैन कॉपी के लिए हाईकोर्ट की शरण ली। जब उन्हें स्कैन कॉपिया मिली तो उन्हें कम नंबर मिलने अथवा कॉपी बदले जाने के प्रकरण सामने आने लगे। विवाद बढ़ने पर योगी सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव सुक्ता सिंह को सस्पेंड कर दिया और संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में टीम गठित कर दी। इसी मामले अब जांच के बाद गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं जिसकी वजह से कॉपियों का पुनर्मूल्यांकन होगा।
जांच में आई खामियां
68500 सहायक अध्यापक भर्ती में जांच के दौरान बहुत सारी खामियां सामने आई है। कापियां बदलने, अंक में असमानता व हेराफेरी के बहुत से साक्ष्य सामने आए हैं। खुद अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी के सबूत जांच कमेटी के सामने रखे हैं। इस मामले में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। जिसमें कई अफसर निशाने पर हैं। फिलहाल जिन अफसरो व कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई है अब उनके खिलाफ कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।