यूपी: 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में धांधली के संकेत, जांच के बीच कॉपियां जलाकर साक्ष्य मिटाने का वीडियो वायरल
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में विवाद का दौर अब शायद ही खत्म हो। क्योंकि अब जो खबर सामने आई है, वह इस भर्ती प्रक्रिया में भूचाल पैदा करेगी। दरअसल परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय इलाहाबाद के पीछे कुछ कागजात जलते हुए अभ्यर्थियों ने पकड़े हैं। अभ्यर्थियों ने दावा किया है कि यह सारे कागजात 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के हैं और यह वही कागजात हैं जिनमें फर्जीवाड़ा हुआ है। अभ्यार्थियों का दावा है कि अब परीक्षा की जांच होने वाली है ऐसे में साक्ष्यों को मिटाए जाने का क्रम चल रहा है।
फिलहाल परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के पीछे जो कागजात जलते हुए अभ्यार्थियों ने पकड़े हैं। उसका वीडियो तैयार कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। वह शिक्षक भर्ती से ही संबंधित है अथवा नहीं अभी उसकी सत्यता की पुष्टि नहीं हो सकी है। इस बाबत परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। अवकाश होने के कारण व अधिकारियों के सीयूजी नंबर न उठाने के कारण अधिकारियों से इस संदर्भ में बात भी नहीं हो सकी है।
क्या
कह
रहे
अभ्यर्थी
परीक्षा
नियामक
प्राधिकारी
कार्यालय
के
पीछे
जलते
हुए
कागजात
पकड़ने
वाले
अभ्यर्थियों
का
दावा
है
कि
निलंबन
के
बाद
भी
सचिव
परीक्षा
नियामक
प्राधिकारी
डॉ.
सुत्ता
सिंह,
रजिस्ट्रार
जीवेन्द्र
सिंह
ऐरी
व
रिजल्ट
तैयार
करने
वाली
एजेंसी
के
लोग
शनिवार
को
कार्यालय
में
मौजूद
रहे।
उनके
संज्ञान
में
ही
साक्ष्य
मिटाने
के
लिए
कागजात
जलाए
गए
हैं।
फिलहाल
सवाल
यह
भी
उठता
है
कि
अगर
इस
तरीके
से
साक्ष्य
मिटाने
ही
थे
तो
कागजात
को
कहीं
दूसरी
जगह
ले
जाकर
जलाया
जाता।
हालांकि
सोशल
मीडिया
पर
बड़ी
तेजी
के
साथ
वायरल
हो
रहे
वीडियो
फोटो
व
अभ्यार्थियों
के
बयान
ने
इलाहाबाद
से
लेकर
लखनऊ
तक
भूचाल
ला
दिया
है।
संभावना
है
कि
इस
मामले
में
अब
और
कड़ी
कार्रवाई
हो
सकती
है।
परीक्षा
रद्द
करने
की
मांग
68500
सहायक
अध्यापक
भर्ती
में
शामिल
होने
वाले
व
चयनित
ना
हो
वाले
अभ्यर्थियों
ने
शिक्षक
भर्ती
में
बड़ी
धांधली
और
भ्रष्टाचार
का
आरोप
लगाया
है
व
इस
भर्ती
को
रद्द
किए
जाने
की
मांग
की
है
।
अभ्यर्थियों
का
कहना
है
कि
इस
भर्ती
प्रक्रिया
में
अभ्यर्थियों
के
भविष्य
से
खिलवाड़
किया
गया
है।
पूरी
भर्ती
प्रक्रिया
ही
सवालों
के
घेरे
में
है
ऐसे
में
इस
भर्ती
परीक्षा
को
रद्द
कर
दिया
जाना
चाहिए
और
फिर
से
ओएमआर
शीट
पर
भर्ती
परीक्षा
कराई
जानी
चाहिए।
अभ्यर्थियों
ने
यह
भी
मांग
की
है
कि
हाईकोर्ट
इस
मामले
को
स्वतः
संज्ञान
में
लें
और
भर्ती
प्रक्रिया
को
रद्द
कर
फिर
से
कराने
का
आदेश
जारी
करें
।
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