UP board result: मातृभाषा हिंदी में फेल हो गए 11 लाख 20 हजार परीक्षार्थी
इलाहाबाद। यूपी बोर्ड के रिजल्ट में इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा गिरावट दर्ज हुई, लेकिन आश्चर्यजनक तरीके से लाखों परीक्षार्थी अपनी मातृभाषा हिंदी में भी पास नहीं हो सके। 11 लाख से ज्यादा स्टूडेंट हिंदी विषय में सफल नहीं हो पाए हैं। इनमें हाईस्कूल में सात लाख 81 हजार 276 परीक्षार्थी हिंदी विषय में फेल हो गये जबकि बारहवीं में यह संख्या 3 लाख 38 हजार 776 है। ऐसा नहीं है कि अन्य विषयों में परीक्षार्थी फेल नहीं हुए या उनमें पास फेल होने की संख्या कम है , लेकिन जिस तरीके से मातृभाषा हिंदी अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाती है और यह आसानी से बच्चों के समझ में भी आ जाती है । उसके बावजूद हिंदी में इतनी बड़ी संख्या में फेल हुए परीक्षार्थियों ने मौजूदा शैक्षिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।
इस
तरह
रहा
विषयवार
रिजल्ट
हाईस्कूल
व
इंटरमीडिएट
का
विषयवार
रिजल्ट
बहुत
कुछ
अपनी
कहानी
खुद
कह
रहा
है।
इसमे
हाईस्कूल
में
-
कंप्यूटर
(85.55),
हिंदी
(77.26)
व
सामान्य
हिंदी
(72.48),
अंग्रेजी
(75.91),
गणित
(69.76),
गृह
विज्ञान
(73.09),
संस्कृत
(52.66),
,
विज्ञान
(74.42)
वसामाजिक
विज्ञान
(77.42)
फीसदी
ही
सफल
हो
सके
हैं।
इंटरमीडिएट
इसमे
हिंदी
(79.99)
व
सामान्य
हिंदी
(90.62),
जीव
विज्ञान
(86.15),
रसायन
(79.23),
भौतिक
विज्ञान
(77.60)
और
अर्थशास्त्र
(84.02),
इतिहास
(67.56),
गणित
(74),
और
अंग्रेजी
(80.85),
संस्कृत
(63.33),
उर्दू
(91.15),
भूगोल
(86.52),
कंप्यूटर
(91.40),
नागरिक
शास्त्र
(74.37)
व
शिक्षा
शास्त्र
(74.92),
मनोविज्ञान
(76.12)
,
गृह
विज्ञान
(86.69)
में
विषयवार
परिणाम
रहा।
इन
भाषाओं
में
100
%
रिजल्ट
बोर्ड
परीक्षा
में
क्षेत्रीय
भाषाओं
का
परिणाम
100
%
रहा
है।
इसमें
इंटर
में
असमी,
मराठी,
मलयालम,
नेपाली,
उडिय़ा,
इंश्योरेंस
पॉलिसी
आदि
शामिल
हैं।
हाईस्कूल
में
ही
नेपाली,
उडिय़ा
भाषाओं
का
परिणाम
100
%
रहा
है।