गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति को कमरे में किया बंद, जानिए मामला
गोरखपुर। यूपी में गोरखपुर विश्वविद्यालय का एक मामला सामने आया है, जहां छात्रों ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को क्रीड़ा परिषद भवन में एक घंटे तक बंद रखा। उसके बाद छात्रों ने कैम्पस में जमकर नारेबाजी की। दरअसल मारपीट के चलते छात्रसंघ चुनाव को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन छात्र चुनाव की मांग पर अभी भी अड़े हैं। गुरुवार को कुलपति प्रो वीके सिंह को क्रीड़ा परिषद में बंद रखकर छात्रों ने नारेबाजी की। सूचना मिलते ही पहुंची पुलिस ने भवन के गेट का ताला खोलकर कुलपति को निकाला। नाराज कुलपति ने छात्रों को बातचीत के लिए अपने कार्यालय बुलाया, लेकिन छात्रनेता पहुंचे तो मगर कुलपति से मिलने नहीं गए।
प्रति कुलपति प्रो. एसके दीक्षित ने बुधवार को छात्रों को कुलपति से मिलकर अपनी बात रखने को बुलाया था। गुरुवार को कुलपति विश्वविद्यालय में एक समारोह का उद्घाटन करने के बाद क्रीड़ा परिषद पहुंच गए। थोड़ी देर बाद छात्रों की भीड़ वहां पहुंच गई और भवन के मेन गेट के बाहर के शटर में ताला लगा कर नारेबाजी शुरू कर दी। मुख्य नियंता ने समझाकर शटर खुलवाने की कोशिश की लेकिन छात्र नहीं माने। मुख्य नियंता की सूचना पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को कुलपति से वार्ता कराने का आश्वासन देकर शटर खुलवाया। बाहर आए कुलपति के पीछे छात्रनेता भी नारेबाजी करते-करते हुए भवन पहुंचे।
इससे पहले विश्वविद्यालय ने न्यायालय में 13 सितंबर को प्रस्तावित चुनाव स्थगित किए जाने के पीछे उत्तरदायी हिंसा, अराजकता और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के उल्लंघन जैसे कारण प्रस्तुत किए थे। बता दें कि समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव ने गोरखपुर प्रेस क्लब में कहा था कि बीजेपी ने अपने ही एबीवीपी के दो उम्मीदवारों को आपस में लड़ाकर छात्रसंघ चुनाव षड्यंत्र के तहत स्थगित कराया है। बीजेपी को एहसास हो गया था, कि वह विश्वविद्यालय का चुनाव भी हारने वाले हैं।
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