आनंद गिरि का दावा- नरेंद्र गिरि की हुई हत्या, पैसे-प्रॉपर्टी के लिए रची गई साजिश
नई दिल्ली, 20 सितंबर: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को निधन हो गया। जिसके बाद से दुनियाभर में फैले उनके लाखों अनुयायियों में शोक की लहर है। वहीं दूसरी ओर पुलिस टीम को उनके कमरे में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उनके ही शिष्य आनंद गिरि का नाम है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हरिद्वार में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हालांकि आनंद गिरि ने खुद को निर्दोष बताते हुए इसे एक बड़ी साजिश करार दिया। साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
इंडिया टीवी से बात करते हुए आनंद गिरि ने कहा कि नरेंद्र गिरि ने मेरी वजह से आत्महत्या नहीं की। ये एक साजिश है, जिसकी योजना सालभर से चल रही थी। पहले गुरुजी को उनसे दूर किया गया। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने आगे कहा कि सुसाइड नोट में मेरा नाम डालने से ये स्पष्ट संकेत मिलता है कि इसके पीछे एक बड़ी साजिश थी।
आनंद गिरि के मुताबिक जिन लोगों ने मठ के पैसे का दुरुपयोग किया था, वही लोग इस साजिश के पीछे हैं। वो राज्य सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की अपील करते हैं। अगर वो दोषी पाए गए, तो हर तरह की कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि महंत नरेंद्र गिरि के साथ मठ की जमीन बेचने को लेकर उनका कुछ विवाद था, लेकिन उसे मई में ही सुलझा लिया गया। हालांकि जो लोग इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे, वे मठ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे थे।
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गिरि के मुताबिक कई लोग महंत पर मठ की संपत्ति बेचने का दबाव बना रहे थे, ताकि पैसे का लाभ उठाया जा सके। इसमें उन्होंने मनीष शुक्ला, अभिषेक मिश्रा समेत कई लोगों का नाम लिया। वैसे उत्तर प्रदेश पुलिस का दावा है कि हरिद्वार में आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया है। उनके अलावा हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी भी हिरासत में हैं, क्योंकि उनका नाम भी सुसाइड नोट में शामिल था।