कश्मीर में मारे गए आतंकी मन्नान वानी को एमएयू में बताया गया शहीद, बवाल होने के बाद 3 छात्र निलंबित
अलीगढ़। नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा के हंदवाड़ा में गुरुवार को सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया था। सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकी जो हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर है, उसका नाम मन्नान वानी है और वह अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का पूर्व छात्र था। जैसे ही मन्नान के मारे जाने की खबर एएमयू पहुंची तो कुछ कश्मीरी छात्रों ने उसे शहीद बताते हुए नमाज-ए-जनाजा पढ़ने की कोशिश की, जिस पर बवाल हो गया। इसके बाद अनुशासनहीनता में तीन छात्रों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि चार छात्रों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
शहीद बताकर पढ़ गई नमाज
गुरुवार को जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादी मन्नान वानी की खबर टीवी आ गई। टीवी पर खबर आने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के कश्मीरी छात्रों ने एक सभा बुलाई। सभा में कश्मीर के करीब 150 छात्र जमा हुए। सीनियर छात्रों ने इसका विरोध किया। सूचना पर प्रोक्टोरिअल बोर्ड भी मौके पर पहुंचा। इस दौरान कश्मीरी छात्रों की उनसे नोकझोंक भी हुई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने छात्रों को भगा दिया। वहीं, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पीआरओ उमर सलीम पीरज़ादा ने कहा कि कुछ छात्रों द्वारा कैम्पस में अमान्य एक्टिविटी करने के आरोपों में 3 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में किसी भी प्रकार की असामाजिक एक्टिविटी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
मन्नान वानी एएमयू से कर रहा था पीएचडी
बता दें कि मन्नान वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) पीएचडी कर रहा था। पीएचडी छोडकर मन्नान ने 5 जनवरी 2017 को आतंकी संगठन का हिस्सा बना था। मन्नान की एक फोटोग्राफ सोशल मीडिया पर आई थी जिसमें उसे एक बैरल ग्रेनेड लॉन्चर पकड़े हुए देखा जा सकता था। इस फोटो के साथ ही मन्नान ने संदेश दिया था कि उसने हिजबुल को ज्वॉइन कर लिया है। फोटोग्राफ फेसबुक और व्हाट्सएप पर पांच जनवरी 2017 को शेयर की गई थी। मन्नान के परिवार का कहना था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर यह फोटो देखी है लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
अमेरिका जाने की थी तैयारी
पिछले पांच वर्षों से मन्नान एएमयू से पढ़ रहा था। वह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के ताकिपोरा गांव का रहने वाला था। घरवाले उसे आगे की पढ़ाई के लिए यूएस भेजने की तैयारी कर रहे थे। इस बात से वह काफी उत्साहित था, लेकिन उसके आतंकी संगठन में शामिल होने की खबर के बाद से घरवाले निराश हो गए और वापसी की उम्मीद लगाए बैठे थे। मन्नान के परिवार के मुताबिक चार जनवरी 2017 से ही उनका उससे कोई संपर्क नहीं हुआ था क्योंकि उसका फोन स्विच्ड ऑफ था।
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