गायत्री प्रजापति की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! PMO ने दिए जांच के आदेश
गायत्री प्रसाद प्रजापति का नाम बी.पी.एल./ए.पी.एल. सूची में है बावजूद इसके पर्चा दाखिले में उन्होंने सम्पत्ति का ब्यौरा 1.83 करोड़ में दर्शाया। विधायक होने के बाद उनके नाम आवासीय पट्टा था।
अमेठी। अखिलेश सरकार के विवादित पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की आय से अधिक सम्पत्ति मामले में पीएमओ ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को मामला देखने के लिए निर्देशित किया है। पीएमओ ने ये निर्देश अधिवक्ता एवं समाज सेवी अभय राज यादव द्वारा की गई शिकायत पर किया है। ऐसे में अब गायत्री प्रजापति की मुशकिले बढ़ती नज़र आ रही है।
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ये है पूरा लेखा-जोखा
अधिवक्ता एवं समाज सेवी उदयराज यादव का आरोप है की गायत्री प्रसाद प्रजापति ने अपने पद का दुरुपयोग कर अमेठी सहित कई जनपदों में अवैध और बेनामी सम्पतियों को हथियाने का काम किया है। इसके अलावा अधिवक्ता ने पूर्व मंत्री पर अपने सम्बन्धियों को नौकरी दिलाये जाने का भी आरोप लगाया है।
लोकायुक्त में दाखिल किया था विवाद
इस संदर्भ में उन्होंने लोकायुक्त के यहां अपील किया, लोकयुक्त ने संशोधित परिवाद प्रस्तुत करने के लिए 10 अप्रैल 2016 तक का समय दिया था। अभयराज यादव ने संशोधित परिवाद 10 अप्रैल 2016 को लोकायुक्त के यहां प्रस्तुत किया। लोकायुक्त ने परिवाद में साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिया था। अभयराज का कहना है की परिवाद में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं थी। मगर लोकायुक्त पर प्रदेश सरकार के दबाव के कारण परिवाद को खारिज किया गया।
ऐसे पहुंचा पीएमओ में मामला
इसके बाद अधिवक्ता ने सम्पूर्ण मामले को साक्ष्य के साथ प्रधान मंत्री को पत्र प्रेषित कर सीबीआई जांच के लिए अनुरोध किया। जिस पर प्रधानमंत्री कार्यलय ने मामले को सम्बंधित विभाग को प्रेषित कर परिवादी को मामले की कार्रवाई से अवगत करने का भी निर्देश दिया है।
ये हैं पूर्व मंत्री पर लगे आरोप
गायत्री प्रसाद प्रजापति का नाम बी.पी.एल./ए.पी.एल. सूची में है बावजूद इसके पर्चा दाखिले में उन्होंने सम्पत्ति का ब्यौरा 1.83 करोड़ में दर्शाया है। विधायक होने के बाद 30 मार्च 2012 को गायत्री प्रसाद के नाम आवास व बेटे अनिल प्रजापति के नाम आवासीय पट्टा था। इसके बाद 23.9.2013 को अनिल कुमार सुत गायत्री प्रसाद के नाम मौजा खेरौना व प्रसव परगना, तहसील अमेठी में रजिस्ट्री हुई। फौरन दो महीने बाद 14.11.2013 को पत्नी व भाई (पत्नी महराजी भाई छेदीराम, राम शंकर, जगदीश) के नाम मौजा परसवा परगना व तहसील अमेठी में बैनामा हुआ। यही नहीं 03.06.2014 को पुत्री (सुधा, अंकित) के नाम मौजा परसवा परगना व तहसील अमेठी में बैनामा हुआ।
फिर
24.07.2014
को
अनिल
प्रजापति
के
नाम
सरवनपुर
परगना
व
तहसील
अमेठी
में
बैनामा
हुआ।
वही
12.06.2014
को
डायरेक्टर
अनुराग
प्रजापति
पुत्र
गायत्री
प्रजापति
निवासी
आवास
विकास
कालोनी
के
नाम
मौजा
बघवरिया
परगना
व
तहसील
अमेठी
में
बैनामा
हुआ।
इसके
अलावा
विमल
पैलेस
स्थित
सरवनपुर
धमौर
रोड
अमेठी
का
बैनामा
डायरेक्टर
अनिल
कुमार
प्रजापति
पुत्र
गायत्री
प्रसाद
प्रजापति
निवासी
आवास
विकास
कालोनी
महमूदपुर
लाइफ
क्योर
एंड
रिसर्च
सेंटर
प्रा.
लि.
गायत्री
नगर
सुल्तानपुर
रोड
अमेठी
संरक्षक
विजयपाल
उपाध्याय
के
नाम
पर
बैनामा
हुआ।
जायस
तिलोई
जनपद
अमेठी
में
कोल्ड
स्टोर
का
बैनामा
31.7.2013
को
किया
गया।
ससुराली जनों को इस प्रकार दिलाया आवास व जमीने
यही नहीं भूतत्व एवं खनिज मंत्री रहते हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति ने उत्तर प्रदेश शासन में अपने भाई रमाशकर व बैनामा लेखक देवतादीन के नाम परसवा में 07.08.2014, 08.08.2014, 10.09.2014, बैनामा करवाया। पद का दुरुपयोग कर अधिकारियों पर दबाव डालकर अपने साले रामवृक्ष का मकान ग्राम सभा की गाटा सं0 1136 रकबा 0.1060 पर मकान का निमार्ण करवाया। साथ ही रामवृक्ष खनन विभाग में संविदा कर्मचारी पर थे तो उसकी पत्नी के नाम गरीबी रेखा के नीचे का कार्ड बनवा कर कालोनी दिलाया गया। दूसरे साले अमरनाथ का भी गरीबी रेखा का कार्ड बनवाया गया जब की ग्रामीण बैंक भादर में कई लाख की एफ.डी. उसके नाम है। इसके बाद उसे लोहिया आवास भी दिलाया गया।
अमेठी में इन बहारियों को पहुंचाया गया लाभ
अशोक कुमार तिवारी लेखपाल जो की रेप के मामले में पूर्व मंत्री के साथ जेल में बंद है उसके नाम से अमेठी दुर्गापुर रोड पर लगभग 3 करोड़ का होटल निर्माण कराया गया। साथ ही महिला मित्र के नाम अमेठी बाईपास पर बेनामी सम्पत्ति का क्रय करने का भी पूर्व मंत्री पर आरोप है।
इनके नामों पर ली गई है संपत्तियां
अधिवक्ता ने पूर्व मंत्री पर पद का दुरुपयोग कर बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र और मिर्जापुर में अवैध खनन का कार्य करवाने का भी आरोप मढ़ा है। साथ ही गायत्री प्रसाद प्रजापति द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में खरीदी गई भूमि महिला मित्रों व परिवार वालों के नामक साथ-साथ विजयपाल उपाध्याय मीडिया प्रवक्ता व कार्यालय प्रभारी, प्रतिनिधि अमरेंद्र सिंह पिंटू, अशोक कुमार तिवारी लेखपाल के नाम, इनके परिवार वालों के नाम खरीदे जाने का आरोप है।
आरोपों पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने अब तक की कार्रवाई
प्रधानमंत्री कार्यालय के पत्रांक संख्या 4505680/PLO दिनांक 25/11/2016 को सीबीआई से जांच के लिए मांग का पत्र प्राप्त होने की सूचना याचिका को दी गई। साथ ही 9 दिसम्बर 2016 के पत्र में ही मनीराम अवर सचिव प्रधानमन्त्री कार्यालय भारत सरकार ने बताया की ये मामला खनिज एवं प्रशिक्षण विभाग से है और पत्र को विभाग भेजते हुए निर्देशित किया कि उचित कार्रवाई करते हुए याचिका को सीधे कार्रवाई से अवगत कराया जाए।
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