देश कैसे बनेगा खुले में शौचमुक्त, जब ग्राम प्रधान के घर खुद नहीं है शौचालय !
अमेठी। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य पूरे भारतवर्ष को खुले से शौच मुक्त करना है। इसके अंतर्गत हर प्रदेश, जिले और तहसील में शौचालय बनवाए जा रहे हैं। सरकार की मंशा है कि दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती तक पूरे देश को खुले से शौच मुक्त कर दिया जाए। शौचालय के लिए सरकार द्वारा करोड़ों, अरबों रूपये का बजट स्वीकृत किया गया है। वहीं सूबे के वीवीआईपी जनपद अमेठी के एक आदर्श गांव में प्रथम नागरिक कहे जाने वाले ग्राम प्रधान के पास ही शौचालय नहीं है तो ग्रामीणों की बात तो दूर है।
सरकारी
दावे
की
खुली
पोल
जानकारी
के
मुताबिक
जिला
प्रशासन
ने
वर्ष
2018
तक
जिले
को
खुले
में
शौचमुक्त
(ओडीएफ)
करने
का
दावा
किया
है
लेकिन
इस
दावे
की
पोल
अमेठी
जिले
के
शुकुल
बाजार
ब्लॉक
के
आदर्श
गाँव
विशम्भर
पट्टी
में
खुल
गई
है
जहाँ
आज
भी
ग्रामीणों
को
शौचालय
की
सुविधा
नही
मिल
पा
रही
है।
जो
ग्राम
पंचायत
सहित
अधिकारियों
की
लापरवाही
को
दर्शाता
है।
ग्रामीणों
की
मानें
तो
वे
भी
शौचालय
का
उपयोग
करना
चाहते
हैं,
लेकिन
ग्राम
पंचायत
शौचालय
बनवाने
में
कोई
दिलचस्पी
नहीं
ले
रहा
है
इस
कारण
ग्रामीणों
को
खुले
में
शौच
जाना
पड़
रहा
है।
वाह?
ग्राम
प्रधान
तक
के
घर
में
नहीं
है
शौचालय
अमेठी
जिलाधिकारी
शकुन्तला
गौतम
ने
डीपीआरओ
अमेठी
सहित
कई
अन्य
अधिकारियों
को
जिम्मेदारी
सौंपी
है
ताकि
वे
जनता
से
जुड़कर
खुले
में
शौच
मुक्त
करवा
सकें
लेकिन
उनके
ही
जिम्मेदार
इस
जिम्मेदारी
से
हाथ
खींचते
नजर
आ
रहे
हैं।
नतीजा
अमेठी
जनपद
अंतर्गत
विकास
खंड
शुकुल
बाजार
अंतर्गत
ग्राम
सभा
विशम्भर
पट्टी
के
ग्राम
प्रधान
सियाराम
के
खुद
के
पास
अब
तक
शौचालय
नहीं
है।
उनकी
घर
की
महिलाएं
खुले
में
शौच
जाती
है
पूछने
पर
सियाराम
ने
बताया
कि
उनके
कार्यकाल
को
तीन
वर्ष
चुके
बीत
चुके
है
अब
जल्द
ही
वह
शौच
घर
का
निर्माण
कराएंगे।
इनका
कहना
है
वहीं
जब
इस
मामले
को
लेकर
एसडीएम
मुसाफिरखाना
से
बात
की
गई
तो
उन्होंने
बताया
कि
ये
बहुत
शर्म
की
बात
है
मामले
की
जानकारी
कर
कार्रवाई
की
जाएगी।
ये भी पढे़ं-परिवहन विभाग की वेबसाइट हैक कर खुद के एकाउंट में भेज रहे थे पैसे, 4 गिरफ्तार