बोर्ड परीक्षा में 'प्राइमरी टीचरों की कामचोरी' पर निबंध लिखने का मामला गरमाया, नपेंगे विशेषज्ञ
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा मौजूदा समय में चल रही परीक्षा के दौरान एक अजीबोगरीब प्रश्न को लेकर अब मामला बोर्ड हेड क्वार्टर पहुंच गया है। प्रश्न पत्र में प्राइमरी टीचरों की कामचोरी पर डीएम को पत्र लिखने के लिए प्रश्न दिया गया था। इसे लेकर टीचरों के कड़े एतराज के बाद मामला गरमा गया है और बढ़ते विवाद को थामने के लिए बोर्ड सचिव ने कार्रवाई शुरू कर दी है। मामले में यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने विषय विशेषज्ञों को डिबार करने का आदेश दे दिया है जबकि पेपर सेटर और मॉडरेटर से स्पष्टीकरण मांगा है।
क्या
है
मामला
यूपी
बोर्ड
की
इंटर
विषय
की
अंग्रेजी
द्वितीय
प्रश्न
पत्र
की
परीक्षा
21
फरवरी
को
दूसरी
पाली
में
आयोजित
हुई
थी।
इस
प्रश्न
पत्र
का
कोड
117/
2323
(CA)
था।
इस
प्रश्न
पत्र
में
एक
विवादित
प्रश्न
शामिल
किया
गया,
जिसमें
बच्चों
से
प्राइमरी
टीचरों
की
कामचोरी
पर
जिला
अधिकारी
को
पत्र
लिखने
को
कहा
गया।
इस
प्रश्न
को
लेकर
टीचरों
ने
कड़ा
एतराज
जताया
और
कहा
कि
हम
इससे
खुद
को
अपमानित
महसूस
कर
रहे
हैं,
यह
प्रश्न
अध्यापकों
के
मान-सम्मान
की
तौहीन
करने
वाला
है।
आहत
करने
की
कोई
मंशा
नहीं,
विशेषज्ञों
पर
होगी
कार्रवाई
टीचरों
ने
बोर्ड
आफिस
में
अधिकारियों
से
शिकायत
करते
हुए
कहा
कि
जानबूझकर
शिक्षकों
के
सम्मान
को
ठेस
पहुंचाया
जा
रहा
है।
जब
बच्चों
से
इस
तरह
के
प्रश्न
किए
जाएंगे
तो
उन
पर
किस
तरह
का
प्रभाव
पड़ेगा।
इस
प्रश्न
के
विवादित
होने
और
लगातार
हंगामा
बढ़ता
देख
बोर्ड
भी
हरकत
में
आया।
हालांकि
तब
तक
टीचरों
ने
आंदोलन
की
चेतावनी
दे
दी
और
बिगड़ते
माहौल
के
बीच
यूपी
बोर्ड
की
सचिव
नीना
श्रीवास्तव
ने
पेपर
सेटर
और
मॉडरेटर
को
तलब
कर
लिया।
इन
दोनों
से
प्रश्न
पत्र
में
इस
तरह
का
प्रश्न
शामिल
करने
पर
स्पष्टीकरण
मांगा
है।
सचिव
नीना
श्रीवास्तव
ने
बताया
कि
विषय
विशेषज्ञों
को
डिबार
कर
बाहर
किया
जाएगा।
यह
दुर्भाग्यपूर्ण
घटना
है,
बोर्ड
की
मंशा
किसी
को
आहत
करने
की
नहीं
थी।