फर्जीवाड़ा: उस इंटरव्यू का 'कॉल लेटर' लेकर पहुंचा था आयोग जिसकी नियुक्ति भी हो चुकी थी
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग में भर्तियों की सीबीआई जांच के बीच फर्जीवाड़े को लेकर एक बड़ा मामला सामने आया है। इलाहाबाद स्थित आयोग के मुख्यालय पर एक युवक फर्जी कॉल लेटर लेकर पीसीएस-जे का इंटरव्यू देने पहुंचा, जिससे हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने युवक को कॉल लेटर के साथ दफ्तर में बैठा लिया और पुलिस बुलाई गई। लंबी पूछताछ के बाद युवक ने कॉल लेटर से लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर हुए फर्जीवाड़े की जानकारी दी है। पुलिस अब मामले की जांच में जुटी है। फिलहाल घटना की सूचना आयोग की भर्ती की जांच कर रही सीबीआई को भी दे दी गई है। युवक की पूरी डिटेल लेकर उसको छोड़ दिया गा। मामले में सीओ सिविल लाइंस श्रीश्चंद्र ने बताया कि लोक सेवा आयोग की ओर से तहरीर मिली है। जांच की जा रही है आखिर युवक तक कॉल लेटर कैसे पहुंचा।
क्या
है
मामला
आयोग
के
सचिव
जगदीश
ने
बताया
कि
सोमवार
को
यूपी
के
सहारनपुर
जिले
से
पुष्पांग
तिवारी
नाम
का
युवक
आयोग
के
दफ्तर
पहुंचा।
पुष्पांग
के
पास
2013
की
पीसीएस-जे
भर्ती
का
इंटरव्यू
का
कॉल
लेटर
था
और
इसे
दिखाते
हुए
इंटरव्यू
के
लिये
आने
की
बात
कही।
यह
सूचना
जैसे
ही
आयोग
के
अफसरों
को
मिली
हड़कंप
मच
गया
और
पुष्पांग
को
कार्यालय
में
बैठाया
गया
और
पुलिस
को
बुलाकर
उससे
लंबी
पूछताछ
की
गई।
दरअसल
यह
मामला
इसलिये
भी
गंभीर
है
क्योकि
कॉल
लेटर
में
तत्कालीन
सचिव
महेंद्र
कुमार
के
हूबहू
दस्तखत
बने
हैं।
अब
इस
दस्तखत
का
भी
परीक्षण
कराया
जा
रहा
है।
विवादित
थी
भर्ती
उत्तर
प्रदेश
लोकसेवा
आयोग
की
2013
की
पीसीएस-जे
परीक्षा
काफी
विवाद
में
फंसी
थी।
इस
भर्ती
के
हाईकोर्ट
पहुंचने
के
बाद
इस
पर
हाईकोर्ट
ने
रोक
लगा
दी
थी।
हालाकि
बाद
में
हाईकोर्ट
के
आदेश
पर
यह
भर्ती
पूरी
हुई
और
इसमे
चयनित
अभ्यार्थियों
को
नियुक्ति
तक
दी
जा
चुकी
है।
फिलहाल
आयोग
की
ओर
से
मामले
की
तहरीर
देकर
इसकी
विस्तृत
जांच
कराने
की
मांग
की
गई
है।
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