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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश- रास्ते में रोड़ा बन रहे धार्मिक स्थलों को दो माह में हटाएं

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Allahabad High Court ने 2 Month में रास्ते से धार्मिक स्थल को हटाने का दिया आदेश । वनइंडिया हिंदी

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में अब रास्तों पर कोई भी धार्मिक अतिक्रमण नहीं दिखेगा। जो भी धार्मिक स्थल सड़क या रास्ते पर अतिक्रमण कर बनाए गए हैं उन्हें हटाया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस बाबत बड़ा फैसला सुनाया है और आदेश दिया है कि 1 जनवरी 2011 के बाद रास्तों पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए या इससे पहले धार्मिक निर्माणों को 6 माह में दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करा दिया जाए। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रदेश भर में धर्म स्थलों के नाम पर अतिक्रमण हो रहे हैं, इसे तत्काल रोकना चाहिए और जो कुछ भी अवैध है, उसे खत्म किया जाना चाहिए । कोर्ट ने कहा कि कानून के विपरीत कोई भी धार्मिक अधिकार नहीं दिया जा सकता है, अधिकारी कड़ी कार्रवाई करें, यह उनका संवैधानिक और कानूनी उत्तरदायित्व है और साथ ही आम जनता को कानून का पालन करने के लिए बाध्य भी करें।

मुख्य सचिव को सख्त निर्देश

मुख्य सचिव को सख्त निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को यह सख्त निर्देश जारी किया है कि वह अतिक्रमण कर बनाये गये धार्मिक स्थल को हटाने के आदेश का तत्काल पालन करें। साथ ही वह इसके लिए संबंधित जिले के डीएम व एसपी को अनुपालन के साथ रिपोर्ट देने का आदेश जारी कर दें। हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि इस आदेश को ना मानने वाले अधिकारी आपराधिक अवमानना के दोषी होंगे और उन्हें पर कार्रवाई की जाएगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हर जिले के DM को यह भी आदेश दिया है कि वह 2 माह के अंदर अतिक्रमण पर कार्यवाही करें और उस कार्यवाही की सूचना विभाग को सौंप दें। ताकि मुख्य सचिव हाईकोर्ट में इसकी रिपोर्ट दे दें। इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई को है और 28 मई को ही मुख्य सचिव से कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की गई है।

डबल बेंच में हुआ फैसला

डबल बेंच में हुआ फैसला

गौरतलब है कि उक्त मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने सुनवाई शुरू की, जिसमें प्रदेश के राजमार्ग सड़क व अन्य रास्तों पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को लेकर बहस शुरू हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद डबल बेंच ने फैसला सुनाया और कहा कि सड़क पर अतिक्रमण करने का किसी को मौलिक या वैधानिक अधिकार नहीं है और यह पूरी तरह से गलत है।

1 जनवरी 2011 के बाद बने स्थलों पर लागू

1 जनवरी 2011 के बाद बने स्थलों पर लागू

हाईकोर्ट ने कहा कि 1 जनवरी 2011 के बाद प्रदेश में जितने भी रास्तों पर अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बनाए गए हैं उन्हें फौरन हटा दिया जाए । जबकि 1 जनवरी 2011 के पहले अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों को दूसरे स्थान पर सेट किया जाए। खास बात है कि हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिसने धार्मिक स्थल बनवाया है उसकी जमीन पर ही धार्मिक स्थल शिफ्ट किया जा सकता है।

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English summary
allahabad highcourt Order to remove religious places lies on the way
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