देवरिया शेल्टर होम कांड: पीड़ित लड़कियों की पहचान उजागर करने पर हाईकोर्ट नाराज
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के देवरिया मां विंध्यवासिनी बालिका संरक्षण गृह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित लड़कियों की पहचान उजागर होने पर गहरी नाराजगी जताई है और चेतावनी देते हुए भविष्य में में ऐसा करने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कोर्ट के आदेश के बगैर किसी भी हालत में लड़कियों की पहचान उजागर न की जाये।
देबरिया शेल्टर होम कांड मामले में हाईकोर्ट ने विस्तृत आदेश जारी कर दिया है और 20 अगस्त को सुनवाई की अगली डेट मुकर्रर की है। साथ कोर्ट ने लड़कियों की सुरक्षा व सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए भी आदेश जारी किया है। हालांकि इस आदेश को मीडिया से साझा नहीं किया गया है। इसे सीलबंद रूप में महानिबंधक को सौंपा गया है और उसमे लिखे आदेश के अनुक्रम में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षित
स्थान
पर
जायेंगी
लड़कियां
देवरिया
शेल्टर
होम
में
यौन
उत्पीड़न
का
शिकार
होने
वाली
लड़कियों
को
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
आदेश
के
अनुक्रम
में
किसी
सुरक्षित
स्थान
पर
ले
जाया
जाएगा।
हालांकि
उन्हें
किस
जगह
रखा
जाएगा
इसकी
जानकारी
किसी
को
नहीं
दी
गई।
कोर्ट
जब
तक
ना
चाहे
इसका
खुलासा
भी
नहीं
किया
जाएगा।
कोर्ट
ने
सुरक्षा
कारणों
से
ऐसा
आदेश
दिया
है।
खास
बात
यह
है
कि
जिन
स्थानों
पर
लड़कियों
को
ले
जाया
जाएगा
उन
स्थानों
का
चयन
हाई
कोर्ट
द्वारा
ही
किया
गया
है।
हाईकोर्ट
ने
व्यक्त
की
नाराजगी
शेल्टर
होम
प्रकरण
में
पीड़ित
लड़कियों
के
नाम
कई
मीडिया
संस्थान,
वेबसाइट
के
साथ
व्यक्तिगत
इंटरव्यू
में
सामने
आए
थे।
जिसकी
रिपोर्ट
हाईकोर्ट
को
मिलने
के
बाद
हाईकोर्ट
ने
इसे
गंभीरता
से
लिया
है
और
स्वयं
व
सुप्रीम
कोर्ट
के
पुराने
आदेश
का
हवाला
देते
हुए
अपनी
नाराजगी
जताई
है।
हाईकोर्ट
ने
साफ
लहजे
में
कहां
है
कि
भविष्य
में
लड़कियों
का
नाम
उजागर
नहीं
होना
चाहिए।
दाखिल
हुई
हैं
दूसरी
याचिका
देवरिया
प्रकरण
में
शेल्टर
होम
द्वारा
लाइसेंस
निरस्त
किए
जाने
के
खिलाफ
भी
संस्थान
द्वारा
याचिका
दाखिल
की
गई
है
और
इस
याचिका
को
स्वीकार
करते
हुए
हाईकोर्ट
ने
इन
सभी
याचिकाओं
को
पुरानी
याचिका
में
ही
संबंध
करने
का
आदेश
दिया
है।
अगली
सुनवाई
में
हाईकोर्ट
इन
याचिकाओं
द्वारा
दी
गई
दलील
वा
साक्ष्यों
को
भी
परखेगा।
याचिका
में
यह
बातें
स्पष्ट
हुई
है
कि
शेल्टर
होम
बंद
करने
और
वहां
की
लड़कियों
को
दूसरी
जगह
शिफ्ट
करने
के
लिए
कई
बार
पत्राचार
किए
गए
थे।
इसके
बावजूद
भी
कोई
एक्शन
नहीं
हुआ।
अलबत्ता
लाइसेंस
रद्द
होने
के
बाद
भी
वहां
पुलिस
ने
121
लड़कियों
को
भेजा
था।