UPPSC भर्ती घोटाला: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सीबीआई जांच के खिलाफ याचिका खारिज की
इलाहाबाद। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान यूपी लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की सीबीआई जांच जारी रहेगी। चीफ जस्टिस डीबी भोसले की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यूपी लोक सेवा आयोग में सपा की सरकार के दौरान हुई भर्तियों की सीबीआई जांच जारी रहेगी।
जारी रहेगी सीबीआई जांच
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की संस्तुति पर अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक यूपी लोक सेवा आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच कराने की अधिसूचना जारी की थी। जिसके बाद सीबीआई उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की अप्रैल 2012 से मार्च 2017 के बीच हुई भर्तियों की जांच कर रही है। जांच एजेंसी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में हुई भर्तियों जांच कर रही है। हालांकि यूपी लोक सेवा आयोग का कहना है कि संवैधानिक संस्था की जांच नहीं कराई जा सकती।
चीफ जस्टिस डीबी भोसले की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने सुनाया फैसला
पूरे मामले में इससे पहले 7 फरवरी को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस डीबी भोसले की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसी मामले में बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया।
योगी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पिछली सपा सरकार के दौरान हुई भर्तियों की जांच के लिए योगी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी। केंद्र सरकार से सीबीआई जांच पर मुहर लगने के बाद सीबीआई ने भी जांच के लिए अधिसूचना जारी कर दी थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने योगी सरकार के इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चैलेंज किया। हाईकोर्ट में लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव और अन्य सदस्यों की याचिका पर चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस सुनील कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई शुरू की।