'डॉक्टर गैंग' का सरगना गिरफ्तार, व्यापमं घोटाले से भी जुड़े हैं तार
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले और यूपी के कई परीक्षाओं में सेंध लगा चुके डॉक्टर गैंग को इलाहाबाद पुलिस ने दबोच लिया है। लिखित परीक्षा पास कराने का ठेका लेने वाले इस गैंग का सरगना डॉ अवधेश कुमार भारती गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के बाद उसने कई परीक्षाओं में सेंध लगाने की जानकारी पुलिस को दी है। डॉक्टर के साथ उसका साथी सुधीर कुमार सिंह और आनंद गौरव भी पकड़े गए हैं। यह गैंग लिखित परीक्षा पास कराने के लिए जाल बिछाता था। परीक्षा केंद्र कि सेटिंग से लेकर अभ्यर्थी की जगह साल्वर को बैठाया जाता था। इसके लिए 5 से 6 लाख रूपये का सौदा तय होता था और परीक्षा से पहले 50 हजार रुपये लिए जाते थे। मामले का खुलासा करते हुए इलाहाबाद के एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि इस गिरोह की लंबे समय से सुरागसी की जा रही थी। रात में कैंट इलाके में टीवी टावर के पास यह परीक्षा केंद्र सेटिंग करने का प्लान बना रहे थे तभी घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया।
कैसे करते थे सेटिंग
इस गैंग का सरगना डॉ अवधेश कुमार भारतीय नोनहरा गाजीपुर का रहने वाला है। यह भोपाल मेडिकल कॉलेज में MBBS स्टूडेंट था लेकिन व्यापमं घोटाले में पकड़ा गया। इसके बाद इसने फर्जीवाड़े का एक गैंग बनाया जिसे डॉक्टर गैंग नाम दिया। यह गैंग यूपी की परीक्षाओं में अभ्यार्थियों की सेटिंग कराता था और उन्हें लिखित परीक्षा पास कराने की गारंटी लेता था। जिस अभ्यार्थी से इनका सौदा तय होता था उसे 50 हजार बतौर पेशगी ली जाती थी। जबकि पूरा सौदा 5-6 लाख रूपये में तय हुआ करता था। मौजूदा समय में चल रही दरोगा भर्ती में भी इस गैंग ने सेंध लगा दी थी। इस गैंग के कुछ लोग हाल ही में इलाहाबाद से पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके। जिसके बाद से ही इस गैंग की लोकेशन क्राइम ब्रांच ट्रेस कर रही थी।
मौके पर मिले कई दस्तावेज
डॉक्टर गैंग की गिरफ्तारी के बाद जब इनकी तलाशी शुरू हुई तो इनके पास से कई फर्जी आधार कार्ड, वोटर आईडी, डीएल और फर्जी मार्कशीट मिली, जबकि ₹80000 नगद भी बरामद किए गए हैं। यह लगातार उत्तर प्रदेश की भर्ती परीक्षाओं में अपना जाल बिछाते थे और अभ्यार्थियों से पैसा लेकर उन्हें पास कराया करते थे। सबसे खास बात यह है कि यह जिस अभ्यार्थी से पैसा लेते थे उससे मिलते-जुलते फेस वाले साल्वर को ही परीक्षा में बैठाया जाता था यह आश्चर्यजनक जरूर है, लेकिन बड़ी ही शातिर तरीके से फोटो स्कैन कर असली एप्लिकेंट की तरह ही फर्जी ID बनाई जाती थी। उसके बाद फर्जी साल्वर बैठाकर एग्जाम दिलाया जाता था । यही कारण था कि इतने साल से यह गैंग पुलिस की पकड़ में नहीं आया।
गोरखपुर में भाग निकला था डॉक्टर
उत्तर प्रदेश दरोगा भर्ती परीक्षा के दौरान गोरखपुर में 20 दिसंबर को भी डॉक्टर अवधेश मौजूद था। उसने परीक्षा केंद्र पर साल्वर बैठा रखा था और खुद परीक्षा केंद्र के बाहर मौजूद था। साल्वर अभिषेक रंजन उर्फ रवि रंजन को तो पकड़ लिया गया , लेकिन वहां से डॉ अवधेश भागने में सफल रहा। उसी दिन से पुलिस अवधेश के पीछे लग गई थी, उसकी लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा था।
क्या कह रहे हैं अधिकारी
डॉक्टर गैंग का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि डॉ अवधेश का गैंग वर्ष 2012 से इस फर्जीवाड़े को कर रहा है। अब तक कई अभ्यार्थी को इन लोगों ने लिखित परीक्षा पास कराई है। जिसमें दारोगा, कांस्टेबल, बैंक क्लर्क, एसएससी तक एग्जाम शामिल हैं। इनके विरुद्ध इलाहाबाद के कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है।
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