तो इस वजह से अब कोका-कोला को जमा करने पड़ेंगे करोड़ों रुपये, हाईकोर्ट ने नहीं दी रियायत
इलाहाबाद। आर्थिक संकट की दलील देकर करोड़ों रुपये का टैक्स बचाने के जुगाड़ में लगी दिग्गज कोल्ड ड्रिंक कंपनी कोका-कोला को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। हाईकोर्ट ने कोका-कोला द्वारा बकाया टैक्स न वसूले जाने की अपील वाली पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया है और अब कोका-कोला को गाजियाबाद टैक्स ट्रिब्यूनल के 25 प्रतिशत बकाया टैक्स को जमा करना होगा। इस मामले में हाईकोर्ट ने कोका-कोला को सख्त लहजे में कहा कि जब कंपनी 1 हजार करोड़ का टर्न ओवर कर रही है तो उस पर आर्थिक संकट कहां से आ गया है। इतनी बड़ी कंपनी को आर्थिक संकट में नहीं माना जा सकता।
दरअसल हिन्दुस्तान कोका कोला बेवरेजेस कंपनी को गाजियाबाद टैक्स ट्रिब्यूनल द्वारा सन 2014-15 का 48 करोड़ 98 लाख 10 हजार 83 रुपये वैट टैक्स व 72 लाख 20 हजार रुपये इंट्री टैक्स वसूली की नोटिस जारी हुई। बाद में विभाग ने कोका कोला को 50% की छूट दे दी। लेकिन, कोका कोला ने टैक्स न जमा करने के लिए गाजियाबाद टैक्स अधिकरण में अपील की। जिस पर अपीलीय अधिकारियों ने कोका-कोला को 75 फीसदी की छूट दे दी। ऐसे में अब कोका-कोला बेवरेजेज कंपनी को निर्धारित टैक्स का केवल 25 फीसदी ही जमा करना था। लेकिन, कंपनी ने इस आदेश को भी चुनौती दी हाईकोर्ट की शरण में चले गए।
हाईकोर्ट
ने
खारिज
की
याचिका
कंपनी
की
ओर
से
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
दाखिल
याचिका
पर
जस्टिस
एसपी
केसरवानी
ने
सुनवाई
की
और
गाजियाबाद
टैक्स
अधिकरण
की
रिपोर्ट
के
बाद
कोका-कोला
की
याचिका
इस
आधार
पर
खारिज
कर
दी
कि
कोका-कोला
को
साल
2016-17
में
11%
की
वृद्धि
के
साथ
9,472
करोड़
रुपये
का
मुनाफा
हुआ।
यानी
एक
हजार
करोड़
वाली
कंपनी
को
आर्थिक
संकट
में
नहीं
माना
जा
सकता।
हाईकोर्ट
ने
कंपनी
को
सलाह
दी
कि
उसे
गाजियाबाद
टैक्स
ट्रिब्यूनल
के
बकाये
25
प्रतिशत
टैक्स
को
जमा
करना
चाहिए।
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