ऐन मौके पर सपा की रणनीति हुई फेल, प्रतापगढ़ में भाजपा की रोमांचक जीत
इलाहाबाद। यूपी की प्रतापगढ़ नगर पालिका का चुनाव अपेक्षाकृत ही हुआ। मतगणना के बाद भाजपा की प्रेम लता सिंह विजयी घोषित हुई, लेकिन यह जीत बेहद ही रोमांचक रही और आखिरी समय तक सपा की गीता मिश्रा लड़ाई में बनी रहीं। मात्र 1700 वोटों के अंतर से प्रेम लता सिंह जीती, उन्होंने आखिरी के तीन वार्डों में बढ़त बनाकर पति की साख और मंत्री मोती सिंह की नाक बचा ली। इस रोमांचक लड़ाई के पीछे सपा की आखिरी समय में अपनाई गई रणनीति रही। जब उसने घोषित प्रत्याशी महिमा गुप्ता का टिकट काट कर गीता मिश्रा को टिकट दिया था। उसी वक्त प्रतापगढ़ नगर पालिका की लड़ाई ने एक और करवट ली थी और सपा को लड़ाई में ला दिया था।
कांटे
की
टक्कर
प्रतापगढ़
नगर
पालिका
पर
निवर्तमान
समय
में
भी
भाजपा
का
कब्जा
था
और
हरि
प्रताप
सिंह
अध्यक्ष
थे।
भाजपा
ने
हरि
प्रताप
सिंह
की
पत्नी
प्रेमलता
को
टिकट
देकर
सवर्ण
वोटर
को
अपने
पाले
में
लाने
के
लिये
गोट
चली
थी
और
बीजेपी
की
मजबूत
स्थिति
ने
सपा
को
टिकट
बदलने
पर
मजबूर
कर
दिया
था।
सवर्ण
वोटों
को
खिसकता
देख
सपा
की
मैराथन
बैठक
लखनऊ
में
शुरू
हुई
और
भाजपा
से
बागी
गीता
मिश्रा
को
स्वर्ण
व
कद्दावर
नाम
के
तौर
पर
पेश
किया
गया।
यही
कारण
था
की
दोनों
दलों
में
वोट
बंट
गए
और
आखिरी
समय
तक
कांटे
की
टक्कर
चलती
रही।
अगर
बीजेपी
की
तरह
सपा
के
आला
नेताओ
ने
प्रतापगढ़
में
दिलचस्पी
ली
होती
तो
यहां
आज
समीकरण
कुछ
और
होता।
लेकिन
1700
वोटों
के
साथ
प्रेम
लता
की
जीत
ने
पति
हरि
प्रताप
सिंह
की
सियासत
को
टॉनिक
दे
दिया
है।