इलाहाबाद: कद्दावर दागी बीजेपी नेता ने सीट जीतने के लिए चली बड़ी सियासी चाल
राजनीति के बड़े खिलाड़ी राकेश ने क्रॉस चेकिंग करवाकर और मजबूत कागजातों के बीच प्रमिला का बतौर गठबंधन प्रत्याशी नामांकन करवाया और अब वे मैदान में उतर गई हैं।
इलाहाबाद। भाजपा ने अपना दल के कंधे पर बंदूक रखकर हंडिया विधानसभा के लिये जो निशाना लगाया था वह सटीक बैठता नजर आ रहा है। काली कमाई के दागी पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी ने बड़ी ही दूर की गोट खेली है। उन्होंने अपनी जगह अपनी पत्नी का नामांकन करवाया है और अब राकेशधर की बजाय उनकी पत्नी प्रमिला त्रिपाठी भाजपा-अद गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी। यूपी की सियासत में राकेशधर त्रिपाठी बड़ा नाम है और इलाहाबाद की हंडिया विधानसभा सीट की सही माइने में इसी नाम ने पहचान दिलाई है। लेकिन आय से अधिक संपत्ति के मामले में हाल ही में जेल से छूटकर बाहर आये राकेशधर के नाम पर अपना दल के प्रत्याशी के तौर पर आधिकारिक मुहर लगने के बाद भी वे खुद मैदान में नहीं उतरे। क्योंकि इस बात का उन्हे भी इल्म था कि उनकी छवि कहीं न कहीं धूमिल हुई है। ऐसे में साफ सुथरी छवि की पत्नी प्रमिला को अपनी जगह मैदान में उतार दिया है।
खुद
पहुंचे
थे
नामांकन
करवाने
आश्चर्य
की
बात
यह
है
कि
राकेशधर
खुद
भी
नामांकन
करवाने
कलेक्ट्रेट
ऑफिस
पहुंचे
थे।
जहां
उम्मीद
यह
की
गई
थी
कि
पत्नी
का
भी
उनके
साथ
नामांकन
करवा
दिया
जाये।
जिससे
पर्चा
अवैध
होने
की
स्थिति
में
कोई
एक
चुनाव
लड़
सके।
लेकिन
राजनीति
के
बड़े
खिलाड़ी
राकेश
ने
क्रॉस
चेकिंग
करवाकर
और
मजबूत
कागजातों
के
बीच
प्रमिला
का
बतौर
गठबंधन
प्रत्याशी
नामांकन
करवाया
और
अब
वे
मैदान
में
उतर
गई
हैं।
प्रमिला
के
लिए
होगा
ये
गोल्डन
चांस
हंडिया
विधानसभा
सीट
पर
हमेशा
से
राकेशधर
का
वर्चस्व
रहा
है
जो
इस
बार
भी
मजबूती
से
कायम
है।
मजबूती
का
कारण
भाजपा
और
अपना
दल
के
गठबंधन
की
सीट
तो
मिलना
है
ही
और
पूर्व
विधायक
स्व.
महेश
नारायण
के
बेटे
विधायक
प्रशान्त
सिंह
का
टिकट
काट
कर
निधि
यादव
को
प्रत्याशी
बनाने
पर
सपा
का
एक
बड़ा
धड़ा
भी
नाराज
होकर
राकेशधर
के
साथ
आया
है।
हालांकि
गठबंधन
का
फायदा
निधि
को
भी
मिलना
तय
है।
लेकिन
महिला
प्रत्याशी
होने
के
साथ
साफ
सुथरी
छवि
और
राजनीतिक
बैकग्राउंड
प्रमिला
को
गोल्डन
चांस
दे
रहा
है।
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