बाबा रामदेव पर कवि यश मालवीय का गीत चुराने का आरोप, भेजा 1 करोड़ का नोटिस
इलाहाबाद। इलाहाबादी कवि यश मालवीय के लिखे एक गीत का उपयोग करने में बाबा रामदेव बुरी तरह फंस गये हैं। कवि यश मालवीय ने बाबा रामदेव को इसके लिए कानूनी नोटिस भेज दिया है और एक करोड़ रुपये के हर्जाने का दावा उन पर ठोका है। दरअसल यह विवाद यश मालवीय के 1991 में लिखे गीत "समय की मार सह लेना, नहीं रूकना मेरे साथी" को लेकर है। कवि यश मालवीय का आरोप है कि उनके द्वारा लिखे गीत का उपयोग बाबा रामदेव ने अपने व्यावसायिक लाभ के लिये किया और अभी भी कर रहे हैं। इसके लिये ना तो यश की अनुमति ली गई और न ही कोई क्रेडिट यश को दिया गया।
नाराज हैं मालवीय
गीत में यश मालवीय का जिक्र न होने व व्यवसायिक उपयोग होने पर नाराज कवि यश मालवीय ने अपने वकील केके राय के द्वारा बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजा है। वकील की ओर से इसे गीत की चोरी बताते हुये कॉपी राइट एक्ट और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के अपराध में बाबा रामदेव को घेरा गया है। अब बाबा रामदेव को हर्जाने के तौर पर कवि यश मालवीय को एक करोड़ रुपये हर्जाने के तौर पर देना पड़ सकता है।
गाना अन्ना हजारे आंदोलन के दौरान रहा था काफी पॉपुलर
बता दें कि यश मालवीय का यह गीत अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान खूब चर्चा में रहा और युवाओं में जोश भरने के लिये रोज गाया जाता था। खुद कुमार विश्वास ने तब यश मालवीय को इसके लिये आभार व्यक्त किया था, लेकिन अब बाबा रामदेव इस गीत को अपना बताकर पेश करने लगे हैं।
क्या बोले यश मालवीय
प्रख्यात कवि यश मालवीय ने बताया कि यह गीत आजादी के प्रणेता बनवारी लाल शर्मा के लिए उन्होंने 1991 में लिखा और जो पहली बार 1993 मे आजादी बचाओ आंदोलन पुस्तिका में छपा। इस गीत पर इलाहाबाद की एक म्यूजिक कंपनी ने कैसेट भी बनाया था। अब बाबा रामदेव ने बिना मुझे क्रेडिट दिए पतंजलि के उत्पाद को बेचने के लिए मेरे उसी गीत का इस्तेमाल किया है और मेरे गीत को अपना गीत बनाकर रामदेव अपनी आवाज में पेश कर रहे हैं। यश मालवीय ने 32 पेज का कानूनी नोटिस बाबा को भेजा है और एक करोड़ हर्जाने का दावा ठोका है।
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