उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

एक और मुसद्दी चला ऑफिस-ऑफिस...'साहब हम जिंदा हैं...'

अपनी जमीन बचाने के लिए बंसी लाल पत्नी के साथ अधिकारियों के दर पर भटक रहे हैं और खुद के जिंदा होने का दावा कर रहे हैं।

By Gaurav Dwivedi
Google Oneindia News

इलाहाबाद। भू-माफिया ने जमीन हड़पने के लिए एक दंपत्ति को अभिलेखों में मृत घोषित दिखा दिया फिर उसकी जमीन हड़प ली। इस गोरखधंधे में अधिकारियों ने भी उनका साथ दिया और बिना किसी जांच-पड़ताल के अभिलेखों में दंपति की मौत दिखा दी। आलम ये हो गया है कि जिंदा दंपति अपने जिंदा होने का सुबूत नहीं दे पा रहे हैं। अधिकारियों की चौखट पर तो जा रहे हैं लेकिन कोई उन्हें जिंदा मानने को तैयार नहीं है। क्योंकि परिवार रजिस्टर की नकल तक में उनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है।

बुढ़ापे में छीना जीने का सहारा

बुढ़ापे में छीना जीने का सहारा

बॉलीवुड की फिल्म 'चला मुसद्दी ऑफिस ऑफिस' में इसी तरह का एक किरदार मुसद्दी लाल ने निभाया था। जब पेंशन के लिए मुसद्दी लाल को खुद को जिंदा साबित करना था। कुछ यही हाल प्रतापगढ़ के बंसी लाल का है। बंसी लाल और उनकी पत्नी लखपति को अभिलेखों में 5 साल पहले मरा दिखा दिया गया है और उनके पट्टे पर मिली जमीन अब भू-माफिया के नाम कर दिया गया है। अपनी जमीन बचाने के लिए बंसी लाल पत्नी के साथ अधिकारियों के दर पर भटक रहे हैं और खुद के जिंदा होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन जो भी अभिलेख उनके पास हैं उनमें उनको मरा दिखा दिया गया है। ऐसे में बंसी लाल उदाहरण है, उस सिस्टम का जिस सिस्टम पर जनता से ज्यादा भ्रष्टाचारियों की चलती है।

लेखपाल बोला तुम तो मर चुके हो

लेखपाल बोला तुम तो मर चुके हो

बंसी लाल अपनी दुखभरी कहानी बताते हैं कि जब उनकी जमीन पर गांव के कुछ दबंग भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया तो वो बेबस हो गए। भू माफियाओं ने बताया कि ये जमीन अब उनके नाम हो गई है, इसलिए वो जमीन छोड़ दें। परेशान बंसी लाल तहसील पहुंचे और लेखपाल से मिले अपनी खतौनी लेखपाल को दी और अपना दर्द सुनाया। लेखपाल ने जब बंसी लाल को देखा तो कहा तुम तो मर चुके हो और यहां अभिलेखों में ये दर्ज है। इसलिए जमीन दूसरे के नाम पट्टा कर दी गई है।

जिंदा दंपति कैसे दे सबूत?

जिंदा दंपति कैसे दे सबूत?

अभिलेखों में बंसी लाल और लखपति देवी को मरा हुआ दिखा दिया गया है। उनके जिंदा होने का प्रमाण वो खुद तो हैं लेकिन उनके पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिसे वो पेश कर सकें कि वो जिंदा हैं। लोग गवाही देने को तैयार नहीं हैं। वो कहते हैं कि हम सिस्टम में फंस जाएंगे और भूमाफियाओं से कौन दुश्मनी ले। सरकारी कर्मचारी और अधिकारी दंपति से जिंदा होने का सबूत मांग रहे हैं और अब बंसीलाल पत्नी के साथ दरबदर अधिकारियों की चौखट पर चक्कर काट रहे हैं। बंसी लाल ने बताया कि तहसील दिवस से लेकर हर जगह उन्होंने सुनवाई के लिए हाथ जोड़े, उन्होंने बताया कि साहब हम दोनों जिंदा हैं लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई।

क्या कह रहे हैं अधिकारी?

क्या कह रहे हैं अधिकारी?

गौरतलब है कि बंसी लाल के नाम 28 फरवरी 1976 में गाटा संख्या 1262 पट्टा हुआ था। 70 साल की उम्र पार कर रहे बंसी की जमीन ही उनके जीवन का सहारा है, लेकिन अब वो भी जीवन के आखिरी समय में छिन गई है। ऐसे में जब सरकार और सरकारी नुमाइंदों को इस परिवार की मदद करनी चाहिए तब उनसे जिंदा होने का सबूत मांगा जा रहा है। मामले में राजस्व निरीक्षक एसपी सिंह का कहना है कि वो जांच करा रहे हैं। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

<strong>Read more: कोटखाई कांड: सत्ता परिवर्तन के बाद बढ़ी IG जैदी समेत 8 पुलिसकर्मियों की ज्यूडिशियल कस्टडी</strong>Read more: कोटखाई कांड: सत्ता परिवर्तन के बाद बढ़ी IG जैदी समेत 8 पुलिसकर्मियों की ज्यूडिशियल कस्टडी

Comments
English summary
Alive couple shown dead in the records and grabbed their land by mafia in Allahabad
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X