कानपुर एनकाउंटर पर बोले अखिलेश, अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ हो
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक हिस्ट्री शीटर के साथ हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। जिसमें एक डीएसपी और थाना प्रभारी भी शामिल हैं। मुठभेड़ के बाद हिस्ट्री शीटर विकास दूबे फरार हो गया, जबकि उसके तीन साथियों को पुलिस ने मार गिराया। उसकी तलाश में जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। वहीं इस घटना पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया है।
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अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि। उत्तर प्रदेश के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में 'सत्ताधारियों और अपराधियों' की मिलीभगत का खामियाजा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है। अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए। वहीं उनके ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए रामगोपाल यादव ने लिखा कि इस दुखद घटना के अतीत से दो महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं। एक तो ये कि 2001 में थाने के अंदर एक दर्जाप्राप्त मंत्री की हत्या का अपराधी बरी कैसे हुआ? कौन मिला हुआ था मुलजिम से, पुलिस या कोई जज? दूसरा प्रश्न ये है कि इस अपराधी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट क्यों नहीं लगाया गया? ये बार-बार जमानत पर कैसे आता रहा।
कानपुर की दुखद घटना में पुलिस के 8 वीरों की शहादत को श्रद्धांजलि!
उप्र के आपराधिक जगत की इस सबसे शर्मनाक घटना में ‘सत्ताधारियों और अपराधियों ‘की मिलीभगत का ख़ामियाज़ा कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों को भुगतना पड़ा है.
अपराधियों को जिंदा पकड़कर वर्तमान सत्ता का भंडाफोड़ होना चाहिए.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 3, 2020
ये
पुलिसकर्मी
हुए
शहीद
देवेंद्र
कुमार
मिश्र,
सीओ
बिल्हौर
महेश
यादव,
एसओ
शिवराजपुर
अनूप
कुमार,
चौकी
इंचार्ज
मंधना
नेबूलाल,
सब
इंस्पेक्टर
शिवराजपुर
सुल्तान
सिंह
कांस्टेबल
थाना
चौबेपुर
राहुल
,
कांस्टेबल
बिठूर
जितेंद्र,
कांस्टेबल
बिठूर
बबलू।
कानपुर शूटआउट: जानिए कौन है शिवली का डॉन विकास दुबे, जिसे पकड़ने में गई 8 पुलिसकर्मियों की जान
मंत्री
की
हत्या
में
शामिल
था
विकास
आपको
बता
दें
कि
विकास
दूबे
वही
अपराधी
है,
जिसने
2001
में
राजनाथ
सिंह
सरकार
में
मंत्री
का
दर्जा
पाए
संतोष
शुक्ला
की
थाने
में
घुसकर
हत्या
की
थी।
विकास
दूबे
के
खिलाफ
60
से
ज्यादा
केस
दर्ज
हैं,
इस
घटना
में
तीन
बदमाश
भी
मारे
गए
हैं।
मामले
में
एडीजी
लॉ
एंड
ऑर्डर
प्रशांत
कुमार
ने
कहा
कि
7
लोग
घायल
हैं,
इसमें
से
5
पुलिसकर्मी
हैं।
पुलिस
के
हथियार
गायब
हैं,
इसकी
जांच
चल
रही
है
कि
किसके
पास
कौन
से
हथियार
थे।
जो
भी
लोग
इस
घृणित
कार्य
में
लिप्त
थे,
उन
पर
कड़ी
कार्रवाई
की
जाएगी।