राज्यसभा नहीं पहुंच पाए बसपा के भीमराव अंबेडकर को तोहफा देगी सपा
अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में बसपा की हार के बदले मायावती के प्रत्याशी को एक तोहफा देने का फैसला किया है।
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नई दिल्ली। 2019 में भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए यूपी में 'बुआ-भतीजा' की जोड़ी कमर कस चुकी है। लोकसभा चुनाव के शंखनाद से पहले इस जोड़ी में कोई दरार ना आए, इसके लिए भी अखिलेश यादव और मायावती कोई कसर छोड़ना नहीं चाहते। गोरखपुर और फूलपुर में सपा प्रत्याशियों को 'हाथी' पर बिठाकर लोकसभा तक पहुंचाने के बाद जब राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी 'साइकिल' की मदद के बावजूद हार गया तो मायावती ने बिना एक पल गंवाए ऐलान कर दिया कि ये हार 2019 के लिए होने वाले सपा-बसपा गठबंधन को नहीं रोक पाएगी। अब अखिलेश यादव ने भी राज्यसभा चुनाव में बसपा की हार के बदले मायावती के प्रत्याशी को एक तोहफा देने का फैसला किया है।
एमएलसी की एक सीट बसपा को ऑफर
इसी महीने यूपी में होने वाले विधान परिषद के चुनाव में अखिलेश यादव ने एमएलसी की एक सीट बसपा को ऑफर की है। समाजवादी पार्टी ने बसपा सुप्रीमो मायावती को सुझाव दिया है कि वो राज्यसभा चुनाव में हारे प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को विधान परिषद के चुनाव में उम्मीदवार बनाएं। सपा ने कहा कि है कि वो अपने विधायकों के वोटों के जरिए भीमराव अंबेडकर को एमएलसी बनाएंगे। हालांकि बसपा की तरफ से इसे लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
पहले बसपा की जीत सुनिश्चित करेगी सपा
सपा से जुड़े सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में बसपा की हार से सबक सीखा है। अखिलेश ने तय किया है कि अगर बसपा उनके सुझाव पर गौर करती है तो समाजवादी पार्टी पहले बसपा उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करेगी। दरअसल विधान परिषद की 13 सीटों के लिए होने वाले इस चुनाव में विधायक वोट डालेंगे और बसपा के पास जीत के लिए पर्याप्त विधायक नहीं हैं। विधान परिषद के एक उम्मीदवार को जीत के लिए 29 वोटों की जरूरत है और बसपा के पास केवल 18 विधायक ही हैं।
क्या है जीत का गणित
यूपी में विधान परिषद की कुल 100 सीटें हैं। इनमें से 38 सीटों पर चुनाव विधायकों के वोट द्वारा होता है। इन्हीं 38 सीटों में से 13 सीटों पर आने वाली 26 अप्रैल को चुनाव होगा। 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में भाजपा गठबंधन के पास 324 विधायक हैं। ऐसे में भाजपा आराम से अपने 11 उम्मीदवारों को जीत दिला लेगी। सपा के 47 विधायक हैं, ऐसे में अपने प्रत्याशी को जिताने के बाद भी उसके पास 18 वोट बचते हैं। सपा ने बसपा को सुझाव दिया है कि वो एक बार फिर से भीमराव अंबेडकर को प्रत्याशी बनाए और इस बार सपा पहले उनके प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करेगी।
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