अखिलेश की कुंडली में हैं ऐसे योग कि यूपी में बीजेपी-बीएसपी का बढ़ सकता है वनवास
हर कोई मतदाताओं को बस ये समझाने में लगा है कि वही जनता का सबसे ज्यादा हिमायती है। वही उत्तर प्रदेश को विकास की ओर दौड़ा सकता है लेकिन इन सब में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शख्स के सितारे निभाते हैं।
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में सियासी पारा इस वक्त पूरे शबाब पर है, ऐसे में प्रदेश की जनता भी ये जानना चाहती है की अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसकी वजह भी साफ है। इस विधानसभा चुनाव में राष्ट्रिय पार्टियों से लेकर क्षेत्रीय पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी का परचम फहराने के लिए शाम-दाम-दण्ड-भेद सभी इस्तेमाल कर रही हैं। भाजपा ने जहां उत्तर प्रदेश में इस चुनाव को जीतने के लिए भासपा और अपना दल से गठबंधन किया है। तो वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के युवराज भी यूपी के सियासी गलियारे में हाथ पकड़कर साथ-साथ चल रहे हैं। बसपा का हाथी भी यूपी में अपने सुप्रीमो के साथ मदमस्त होकर घूम रहा है।
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हर कोई मतदाताओं को बस ये समझाने में लगा है कि वही जनता का सबसे ज्यादा हिमायती है। वही उत्तर प्रदेश को विकास की ओर दौड़ा सकता है लेकिन इन सब में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका शख्स के सितारे निभाते हैं। ग्रहों की स्थिति से भी तय होता है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठने वाला है। वहीं ये ग्रहों की ताकत अखिलेश यादव को यूपी सौंपना चाहती है।
जानिए अखिलेश के जन्म से लेकर पहली बार सीएम बनने तक के सफर में किन-किन नक्षत्रों ने अब तक सीएम अखिलेश का साथ दिया है
बुध की महादशा अजेय की वजह
वाराणसी के ज्योतिषी, पंडित दीपक मालवीय ने OneIndia को बताया की उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई सन् 1973 को प्रातः 8 बजे मुलायम सिंह यादव और मालती यादव के घर इटावा के सैफई में हुआ। इनके नवमांश कुंडली के मुताबिक कर्क और मकर लग्न के चलते अखिलेश का स्वभाव भावुक, संवेदनशील और कल्पना से प्रिय अनुमानित किया जाता है।
अपनी पढ़ाई पूरी कर अखिलेश जल्द ही अपने पिता के साथ हो गए और राजनीति में कदम रख दिया। कुंडली के पंचमेश में मंगल और सप्तमेश की दृष्टि के कारण अखिलेश ने डिंपल के साथ प्रेम विवाह किया और इस विवाह ने इनके लिए उन्नति के सारे रास्ते खोल दिए। जिससे इन्हें अनुकूल परिस्थिति मिलती गई और ये जीवन की तमाम ऊचाइयों पर पहुंच गए।
ग्रहों की इस स्थिति से बना रहता है विश्वासघात का डर
इन्हीं ग्रहों के चलते अखिलेश पर हमेशा विश्वासघात का डर भी बना रहता है। जो अपने लोगों से ही मिलती है। अपने विचारों और गुणों के कारण ये सभी परिस्थिति में सबको पीछे छोड़ आगे आ जाते हैं। जिसकी सबसे बड़ी वजह है की इनके कुंडली में बुध की महादशा। यह महादशा अखिलेश की कुंडली में 2020 तक चलेगी। इसके साथ ही सौम्य लग्न में बुध और शुक्र लगातार बैठा हुआ है। जो इनके हंसमुख और शालीनता हो दर्शाता है। इनके दशमेश में मंगल का त्रिकोण भाव स्थिर है। जिसने अखिलेश को पहले ही मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान कराया।
दशमेश का मंगल कराता रहेगा राजयोग
पंडित दीपक मालवीय बताते हैं की अखिलेश यादव की कुंडली में बुध की महादशा और पंचमेश में मंगल ने ही इन्हें 2012 में मुख्यमंत्री का पद दिलाया था। बुध की महादशा 2020 तक लगातार है साथ ही साथ इनकी कुंडली में छठे घर में बैठा राहु इन्हें कुशल राजनीति और विरोधियों के षड्यन्त्र से बचने में सहायता प्रदान करता है। यही नहीं इनकी कुंडली में भाग्येश में गुरु बैठा हुआ है जो इस स्तिथि के अनुकूल है। यही वजह है कि अखिलेश की कुंडली में परिस्तिथियों के मुताबिक इस विधानसभा चुनाव में भी नतीजे अखिलेश यादव के पक्ष में आने वाले हैं। क्योकि जिस कुंडली में इतने ग्रह अनुकूल हैं उसे कोई भी विरोधी परास्त नहीं कर सकता। राहु इन विरोधियों को कहीं न कहीं परास्त करा ही देता है।
और भी हस्तियों की कुंडली मिलती है अखिलेश यादव से
OneIndia से विशेष बातचीत में पंडित जी ने बताया की अखिलेश की कुंडली कई हस्तियों से मेल खाती है। कर्क लग्न के जातकों ने पहले भी सियासत की ऊंचाइयां पाई हैं। जिनमे से एक पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम भी शामिल है। बाकी लोकमान्य तिलक, मदन मोहन मालवीय, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी भी कर्क लग्न के ही जातक थे। अभिनेत्री और मथुरा की सांसद हेमा मालिनी, फिल्मी जगत के राज कपूर, अजय देवगन, करिश्मा कपूर जैसे लोगों की कुंडली से भी अखिलेश की कुंडली काफी मेल खाती है।