टिकटों को लेकर हो रही बगावत को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने निकाला ये नया फॉर्मूला
लखनऊ, 17 जनवरी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है। एक तरफ पार्टियां जहां टिकटों की सूची जारी कर रही हैं वहीं पार्टी कार्यालयों पर दावेदारों की भीड़ भी लग रही है। टिकटों के एलान के बाद जिनको टिकट मिल रहा है वो तो खुशी मना रहे हैं लेकिन जिनके टिकट कट रहे हैं वो या तो पार्टी के खिलाफ खुलकर विरोध कर रहे हैं या आत्मदाह की कोशिश कर रहे हैं। इन सब परिस्थितियों से निपटने के लिए अखिलेश यादव ने नया फॉर्मूला निकाला है। आइए जानते हैं इस नए फार्मूले के बारे में।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा है की पार्टी पहले ही उम्मीदवारों की दो सूची जारी कर चुकी है लेकिन आगे से अब सूची जारी नहीं की जाएगी। इसकी जगह उम्मीदवार को सीधे सिंबल ही पकड़ाया जायेगा। यानी उनको फॉर्म a और फॉर्म b बांट दिए जायेंगे। वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील साजन कहते हैं कि पार्टी के चीफ अखिलेश यादव जी का फैसला सही है। वो जो भी करेंगे पार्टी के हित में ही होगा। पार्टी का अब पूरा फोकस चुनावी घोसड़ा पत्र पर होगा। जिसमे सबका खयाल रखा जाएगा। पार्टी हर विधान सभा के एक एक वोट का हिसाब रख रही है।
पार्टी के रणनीतिकारों की माने तो नई रणनीति के तहत अब सूची सार्वजनिक नहीं की जाएगी बल्कि उम्मीदवारों को सीधे सिंबल और चुनाव संबंधी प्रपत्र जारी किए जाएंगे। शनिवार को सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों के सिंबल पाने के प्रपत्र भी वायरल हो रहे थे। सपा और उसकी सहयोगी पार्टी रालोद ने अब तक 36 उम्मीदवारों के नामों का एलान किया है जिसमे 10 समाजवादी पार्टी के हैं। इस बीच अलीगढ़ और मथुरा की मांट सीट को लेकर विवाद भी सामने आया है। विवादों से बचने के लिए ही समाजवादी पार्टी ने सूची सार्वजनिक करने की बजाय फार्म A और B तथा अनुमति पत्र बाटे जायेंगे।
परंपरागत जनाधार बचाए रखना अखिलेश की चुनौती
टिकट के दावेदारों के बीच अपनों को खुश रखना भी अखिलेश यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महामंत्री प्रोफेसर राजेंद्र कुमार कहते हैं कि सपा ने बीएसपी के जनाधार को अपनी ओर खींचा है, तो परंपरागत वोट बैंक को संजोया भी है। पार्टी से मध्य और निम्न वर्ग के लोग लगातार जुड़ रहे हैं। लोग सपा की तरफ देख रहे हैं। इसलिए अखिलेश के सामने चुनौती अपने परंपरागत जनाधार को बचाने की भी रहेगी। इसीलिए उनको इस बात का एलान करना पड़ा कि अब बीजेपी वालों के लिए सपा के दरवाजे बंद हैं।

टिकट की नाराजगी दूर करने में जुटे जयंत
र पार्टी में इस समय टिकटों को लेकर मारामारी मची हुई है। इस बीच आरएलडी के चीफ जयंत चौधरी ने भी अखिलेश यादव की तरह ही अपने लोगों को खुश करने के लिए भावनात्मक दांव खेला है। बड़ौत और छपरौली के प्रत्याशियों के बीच चल रही खींचतान खत्म करने के लिए उन्होंने दावेदारों को अपने दिल्ली आवास पर बुलाया और कहा की प्रत्याशी जल्द ही घोषित किया जाएगा। आप सभी लोग परिवार की तरह हैं। सपा और रालोद के अधिकतर प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। लेकिन इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर खींचतान चल रही थी। इन दो सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं।