मोदी के शहर में चला योगी का डंडा, सीज हुआ अवैध रूप से चलने वाला बूचड़खाना
पुलिस ने यहां चोरी छिपे पशुओं को लाने और बाहर ले जाने का धंधा कर रहे एक स्लाटर हाउस पर अचानक से छापेमारी की।
वाराणसी। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की ओर से स्लाटर हाउसों को बंद किये जाने के फरमान के बाद से प्रदेश भर में पुलिस प्रशासन ने इस ओर तेजी से कार्य करना शुरू कर दिया है।
वाराणसी में स्लॉटर हाउस सीज
जिसका सबसे बड़ा असर मंगलवार को प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित कमल गड़हा इलाके में देखने को मिला। पुलिस ने यहां एक स्लाटर हाउस पर छापेमारी की।
जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित कमल गड़हा इलाके में कार्रवाई
पुलिस ने वाराणसी के जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित कमल गड़हा इलाके में चोरी छिपे पशुओं को लाने और बाहर ले जाने का धंधा कर रहे एक स्लाटर हाउस पर अचानक से छापेमारी की। हालांकि यह स्लाटर हाउस 2012 से ही एनजीटी के आदेश के बाद से बंद चल रहा था, लेकिन आदेश के बाद भी यहां गुपचुप तरीके से यह धंधा जारी था।
आदेश के बावजूद होता था करोबार
मामले की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन ने बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए यहां छापेमारी करवाई और इसे सीज करवाने के साथ ही बरामद लगभग 60-70 पशुओं को छुड़वाया गया। जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित कमलगड़हा क्षेत्र में एनजीटी के आदेश से 2012 से बंद पड़े स्लाटर हॉउस में चोरी छिपे पशुओं को लाने और बाहर भेजने के चल रहे कारोबार की जानकारी मिली।
पुलिस प्रशासन ने की कार्रवाई
इस सूचना पर सतर्क जिला प्रशासन ने एसीएम तृतीय अंजनी सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को वहां पुलिस की छापेमारी करवाई गई। इस दौरान पुलिस को मौके से लगभग 6 दर्जन पशु बरामद हुए, जिसके बाद स्लाटर हाउस को सीज कर दिया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
हालांकि इस बाबत एसीएम तृतीय अंजनी सिंह ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि यहां पशुओं को लाकर उसे बाहर भेजने का काम किया जाता रहा लेकिन उन्होंने पशुओं को कत्ल किये जाने से साफ इंकार कर दिया।