11 साल लंबे इंतजार के बाद आया यूपी में हुए सीरियल बम धमाकों पर फैसला
लखनऊ। 11 साल पहले यूपी में हुए बम धमाकों को लेकर लखनऊ सिविल कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी करार दिया है। 23 नवंबर 2007 को राजधानी लखनऊ के साथ फैजाबाद, वाराणसी में सीरियल बम धमाकों से यूपी दहल गया था। इन सीरियल ब्लास्ट में बहुत से लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। धमाके में कुल 15 लोगों की मौत और 60 से ज्यादा लोगों के घायल होने की बात सूचना सामने आई थी। हाल ही में धमाकों के मास्टरमांइड को पकड़ लिया गया है। यूपी बम ब्लास्ट मामले में आतंकवादी संगठन हूजी, इंडियन मुजाहिदीन, आजमगढ़ के निवासी तारिक काजमी और कश्मीर निवासी मो. अख्तर को दोषी ठहराया गया है।
27
अगस्त
को
सुनाई
जाएगी
सजा
जानकारी
के
मुताबिक
इन
गुनहगारों
को
लखनऊ
सिविल
कोर्ट
की
विशेष
न्यायाधीश
बबिता
रानी
ने
जेल
में
लगी
अदालत
के
दौरान
दोषी
ठहराया।
साथ
ही
यह
एलान
भी
किया
कि
दोषियों
को
आगामी
27
अगस्त
को
सजा
सुनाई
जाएगी।
साथ
ही
बताया
जा
रहा
है
इन
आतंकियों
के
खिलाफ
पांच
चार्जशीट
दायर
की
गई
है।
पांच
चार्जशीट
हुई
दर्ज
पहली
:
कश्मीर
निवासी
सज्जादुर्रहमान
व
मो.
अख्तर।
दूसरी
:
खालिद
मुजाहिद,
तारिक
काजमी,
सज्जादुर्रहमान,
मो.
अख्तर।
तीसरी
:
मो.
तारिक
काजमी,
खालिद
मुजाहिद।
चौथी
व
पांचवीं
:
आरिफ
उर्फ
अब्दुल
कादिर।
बताया
जा
रहा
है
कि
केस
के
दौरान
ही
खालिद
मुजाहिद
की
मौत
हो
चुकी
है।
एटीएस
और
एसटीएफ
की
मदद
से
पकड़े
गए
जानकारी
देते
हुए
बताया
जा
गया
है
कि
इस
मामले
की
जांच
में
पहले
एसटीएफ
लगी
थी
और
उसके
बाद
एटीएस।
एटीएस
अफसर
के
मुताबिक
उन्होंने
आरोपियों
को
पकड़ने
के
लिए
मोबाइल
सिम,
फिंगर
प्रिंट,
सर्विलाइंस,
आईडी
कार्ड
पर
लिखे
फर्जी
नामों
से
इनका
पता
लगाया
है।
एटीएस
अफसरों
ने
बताया
कि
मुखबिरों
और
सर्विलाइंस
की
मदद
से
यह
आरोपी
पकड़े
गए
हैं।
सम्मानित
किए
जाएंगे
पुलिस
अफसर
डीजीपी
ओपी
सिंह
ने
इस
केस
के
बारे
में
बयान
देते
हुए
कहा
है
कि
आरोपियों
का
पकड़ा
जाना
बहुत
ही
संतोषजनक
बात
है।
साथ
ही
इसके
लिए
अपर
पुलिस
अधीक्षक
राजेश
श्रीवास्तव
और
प्रभावी
पैरवी
के
लिए
संयुक्त
निदेशक
अभियोजन
सुभाष
चंद्र
सिंह
और
पैरोकार
रमाकांत
मिश्रा
को
प्रशस्ति
पत्र
देकर
सम्मानित
करने
की
बात
कही
है।