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संगठन-सरकार का अंदरूनी घमासान सतह पर आया ? जानिए मंत्री दिनेश खटीक के इस्तीफे की अफवाह की INSIDE STORY

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लखनऊ, 20 जुलाई: उत्तर प्रदेश में एक तरफ जहां PWD में हुए तबादलों के खेल को लेकर सीएम योगी की कार्रवाई से लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद नाराज हो गए हैं वहीं दूसरी तरफ जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकार के दूसरे कार्यकाल में 100 दिन बीतने के बाद भी राज्य मंत्री दिनेश खटीक को कोई काम नहीं दिया गया। सूत्रों का दावा है कि खटीक इस बात से नाराज हैं कि उनके काम का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। इससे आहत होकर उन्होंने संगठन मंत्री सुनील बंसल से कल देर रात मुलाकात की है। ऐसी भी खबरें सामने आईं की उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

बीजेपी

क्यों नाराज हैं जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक

दरअसल यूपी का जलशक्ति मंत्रालय बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के पास हैं। वह इस विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं। सूत्रों की माने तो एक तरफ जहां सरकार 100 दिन की उपलब्धियां गिनाने में जुटी है वहीं दूसरी ओर 100 दिन बीत जाने के बाद मंत्री के काम का बंटवारा ही नहीं हुआ। यह लापरवाही कहां बरती गई। सवाल ये भी है कि क्या कैबिनेट मंत्री और राज्य मंत्री के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है या यह बीजेपी के दो ध्रुवों के बीच की अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है।

न तो काम मिला न ही तबादलों में उनकी सुनी गई

सूत्रों की माने तो जलशक्ति मंत्री दिनेश खटीक इस बात से भी नाराज हैं कि एक तो 100 दिन बीतने के बाद भी उनके पास कोई काम नहीं है। दूसरी ओर सरकार की नई तबादला नीति के तहत उन्होंने मंत्री के तौर पर कुछ इंजीनियरों के तबादले के लिए कहा था। उनकी यह बात भी कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की तरफ से नहीं सुनी गई। दिनेश खटीक के करीबी सूत्रों की माने तो जब भी मंत्री ने तबादले को लेकर स्थिति जानने का प्रयास किया तब अफसरों की तरफ से यही कहा गया कि आप कैबिनेट मंत्री से बात कर लीजीए। ये बातें भी इस ओर इशारा कर रही हैं कि स्वतंत्रदेव सिंह और दिनेश खटीक के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।

मंत्री परिषद की बैठक के बाद आवास नहीं लौटे खटीक

बताया जा रहा है कि मंगलवार को लोकभवन में मंत्री परिषद की बैठक में मौजूद खटीक ने आवास के साथ ही सभी सुविधाओं का त्याग कर दिया है। उनके करीबियों की माने तो उन्होंने इस मामले में योगी की बजाए संगठन मंत्री सुनील बंसल से मिलकर अपन पक्ष रखा है। खटीक ने सरकारी सुवधिओं के साथ ही प्रोटोकाल में लगी सुरक्षा को वापस कर दिया है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि मंत्री बनने के बाद 100 दिन बाद भी कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव की तरफ से अपने राज्य मंत्री को काम क्यों नहीं पकड़ाया गया।

सुनील बंसल का खास होना पड़ गया भारी ?

इन सबके बीच अंदर की खबर यह है कि दिनेश खटीक सुनील बंसल के खास माने जाते हैं। बंसल के प्रयास के बाद ही उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिली थी। बीजेपी अंदरखाने दो ध्रुवों में बंटी है तो सरकार और संगठन के बीच तालमेल का आभाव दिख रहा है। योगी आदित्यनाथ जब से दूसरी बार सीएम बने हैं तब से स्वतंत्रदेव सिंह उनके चहेतों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। सीएम योग आदित्यनाथ और सुनील बंसल के बीच पहले से ही अंदरखाने खींचतान चल रही है। खबरें ये भी आईं थीं कि स्वतंत्रदेव सिंह के मंत्री बनने के बाद बंसल ने संगठन की पूरी कमान अपने हाथ में ले ली है। तो क्या इस नाराजगी की वजह से ही स्वतंत्रदेव ने उनके खास मंत्री को कोई काम ही नहीं दिया।

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English summary
After PWD, the news of the resignation of Minister of State for Jal Shakti
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