फैजाबाद के अयोध्या बनने के बाद अब लखनऊ बनेगा लक्ष्मणपुरी ? जानिए योगी के ट्वीट से गरमायी सियासत
लखनऊ, 18 मई : उत्तर प्रदेश में ज्ञानवापी का मुद्दा अभी नरम भी नहीं पड़ा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के एक ट्विट ने लखनऊ की सियासत को गरमा दिया है। योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुरी किए जाने की अटकलों को हवा दे दी है। योगी के इस ट्वीट के बाद अब विरोधी भी बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश की राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करते हुए, उन्होंने ट्वीट किया: "शेशावतार भगवान लक्ष्मण की पावन नगरी लखनऊ में आपका स्वागत और अभिनंदन (भगवान लक्ष्मण के पवित्र शहर में आपका स्वागत है)।'' योगी के इस ट्वीट के बाद ही अब हिंदू महासभा ने इस मामले को लेकर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है।

योगी ने फैजाबाद का नाम बदलकर किया था अयोध्या
इसके पहले अपने पहले कार्यकाल में, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर 'अयोध्या' और इलाहाबाद का 'प्रयागराज' करने के साथ लंबे समय से लंबित दो मांगों को पूरा किया। क्या लखनऊ अगला हो सकता है? यह सिद्धांत कि 'लखनऊ' मूल रूप से भगवान राम के भाई लक्ष्मण से प्रेरित एक नाम का विकृत संस्करण है, शहर के नाम के बारे में कई में से एक है। हालाँकि, भाजपा ने लंबे समय से लक्ष्मण सिद्धांत को अपनाया है, इसके कई नेताओं ने समय-समय पर लखनऊ का नाम बदलकर "लक्ष्मणपुरी" करने की मांग उठाई है।

बीजेपी नेता कलराज मिश्रा ने की थी लखनऊ का नाम बदलने की मांग
आदित्यनाथ के पहले शासन के दौरान, अनुभवी भाजपा नेता और राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र ने लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुरी करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि अगर यह सर्वसम्मति से किया जाता है, तो इससे लोगों को उस युग की संस्कृति से जुड़ने में मदद मिलेगी। जबकि एक मूर्ति के लिए निर्णय पिछले नगर निगम की अवधि के दौरान लिया गया था, स्थापना की जगह को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। अगले नगर निगम के चुनाव से पहले एक बार फिर यह मामला गरमाने लगा है।

अयोध्या जाने वाले पर्यटकों के लिए उत्सकुता का केंद्र बनेगी लक्ष्मणपुरी
लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा,"जब मैं लखनऊ का मेयर थी, तो मेरी पहली इच्छा शहर को उसके इतिहास से जोड़ने की थी। हमारा शहर शुरू में लक्ष्मण के नाम से लक्ष्मणपुरी के नाम से जाना जाता था लेकिन धीरे-धीरे नाम बदलकर लखनऊ हो गया। इतिहास से पता चलता है कि यह लक्ष्मण का शहर था, जिसका अपने लोगों के प्रति समर्पण राम से कम नहीं था, जिसके लिए एक मंदिर बनाया जा रहा है। स्थल (प्रेरणा बिंदु)", और अयोध्या जाने या लौटने वाले तीर्थयात्रियों के लिए एक पड़ाव होना चाहिए।

सपा-बीजेपी ने एक दूसरे पर साधा निशाना
वहीं सपा नेता राजेंद्र चौधरी ने कहा, 'यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वे अब लखनऊ को लक्ष्मण की भूमि के रूप में बात कर रहे हैं क्योंकि यह उनके एजेंडे के अनुसार है। उनके एजेंडे में गरीबों, वंचितों या बेरोजगारों के लिए भविष्य की योजना शामिल नहीं है। वो सिर्फ धार्मिक मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहते हैं। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी ने बताया कि लखनऊ के रेवेन्यू रिकॉर्ड के हवाले से पूर्व साहित्यकार अमृतलाल नागर ने लक्ष्मण टीला के संबंध में अनेक बातें कही हैं। जिनका उल्लेख लालजी टंडन ने अपनी पुस्तक अनकहा लखनऊ में किया था। यहां की परंपरा भी राम से जुड़ी हुई है। नवाब फैजाबाद से लखनऊ आये थे। उनका मार्ग ही अयोध्या से आता है और ये तथ्य लंबे समय से प्रमाणित है कि लखनऊ लक्ष्मण की नगरी है।

हिन्दू महासभा निकालेगी लक्ष्मण टीला मुक्ति यात्रा
दूसरी ओर हिंदू महासभा इस मामले को आगे तक ले जाने के मूड में है। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि शर्मा ने कहा कि वो 22 मई को एक यात्रा निकाल रहे हैं। शर्मा ने कहा कि 1090 चौराहा से हम लक्ष्मण टीला मुक्ति यात्रा निकालेंगे। जिसके जरिये हम लखनऊ की नजता में जागरूकता पैदा करेंगे। हालांकि इस मामले में टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम मौलाना फजलुर मन्नान का कहना है कि उन्होंने इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की है। अधिकारियों से अपील की गई है कि इस यात्रा को हर हाल में कन्वेंशन सेंटर चौक के पास रोक लिया जाये अन्यथा टकराव हो सकता है।