सत्ता जाते ही छिनने लगे सपाइयों के गनर, जिलाध्यक्ष की भी हटाई गई सुरक्षा
11 मार्च को मतगणना के दिन जिलाध्यक्ष अपने दोनों गनर के साथ मतगणना स्थल पर पहुंचे थे लेकिन जब अधिकारियों को भाजपा की सरकार बनती दिखी तो जिलाध्यक्ष के गनर को वहीं रोक लिया गया।
संभल। चुनाव खत्म होते ही नेताओं की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया है। 11 मार्च को सुरक्षाकर्मियों ने संभल में मतगणना तक नेताओं को सुरक्षा मुहैय्या कराई उसके बाद वापस लौट गए। सपा जिलाध्यक्ष के दोनों गनर सत्ता जाते ही मतगणना के दिन ही पुलिस प्रशासन ने वहीँ रोक लिए। इसके साथ ही कई नेताओं के गनर वापस लिए गए हैं।
11 मार्च को भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद अधिकारियों का रवैया बदल गया है। इस रवैया के बाद से संभल के सपा नेता बौखलाने लगे हैं। गुन्नौर के पूर्व सपा विधायक रामखिलाड़ी यादव, चन्दौसी की पूर्व विधायक लक्ष्मी गौतम, जिलाध्यक्ष फिरोज खां के सुरक्षाकर्मी को भी हटा दिया गया है। 11 मार्च को मतगणना के दिन जिलाध्यक्ष अपने दोनों गनर के साथ मतगणना स्थल पर पहुंचे थे लेकिन जब अधिकारियों को भाजपा की सरकार बनती दिखी तो जिलाध्यक्ष के गनर को वहीं रोक लिया गया। जिलाध्यक्ष के कार्यलय पर कोई भी सुरक्षा कर्मी अब ड्यूटी पर नहीं आ रहा है।
मंत्री जी को अब पुलिस नहीं करेगी एस्कॉर्ट
संभल के कैबिनेट मंत्री इकबाल महमूद के घर से भी पुलिस प्रशासन ने गनर कम कर लिए हैं। अब मंत्री को पुलिस एस्कॉर्ट नहीं करेगी। कैबिनेट मंत्री की सुरक्षा में केवल दो गनर रहेंगे। बसपा के पूर्व मंत्री अकिलउर्रहमान खां के साथ एक गनर था तो भाजपा की सरकार आते ही उस गनर को भी प्रशासन ने वापस ले लिया है।
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