पूर्वांचल में BJP का खेल बिगड़ने से पहले एक्शन में अमित शाह, जानिए क्यों पहुंच रहे हैं आजमगढ़
लखनऊ, 1 नवंबर: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का दो दिवसीय दौरा करके वापस लौट चुके गृह मंत्री अमित शाह अब 12 नवंबर को वाराणसी और 13 नवंबर को आजमगढ़ दौरा करेंगे। इस दौरे का लेकर बीजेपी ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। बीजेपी के सूत्रों का दावा है कि गृह मंत्री अमित शाह का लखनऊ दौरा पूरा होने के साथ ही पूर्वांचल पलायन की रणनीति तैयार की गई है। वह 12 नवंबर को वाराणसी आएंगे और एक दिन में आठ से अधिक बैठकें करेंगे उसके बाद आजमगढ़ जाएंगे। दरअसल पूर्वांचल में अखिलेश और राजभर के गठबंधन ने बीजेपी की नींद उड़ा दी है। यही वजह है कि अब पीएम मोदी के बाद अमित शाह ने पूर्वांचल पर फोकस कर दिया है।

पूर्वांचल की राजनीति को करीब से समझने वाले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह यहां की सियासी नब्ज जानने आजमगढ़ और वाराणसी जाएंगे. विधानसभा चुनाव से पहले बूथ स्तर तक भाजपा कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए वाराणसी में 12 नवंबर को एक दिन में आठ से अधिक बैठकें होंगी। इसके साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ भी 13 नवंबर को रैली और भाजपा के चुनावी अभियान का शंखनाद कर सकते हैं।
एक दिन में होगी आठ बैठकें
गृह मंत्री अमित शाह का लखनऊ दौरा पूरा होने के साथ ही पूर्वांचल पलायन की रणनीति तैयार की गई है। इसमें वे विभिन्न संगठनात्मक बैठकों के साथ ही समाज में घुसपैठ करने वाले लोगों से भी चर्चा करेंगे। इस दौरान काशी क्षेत्र की 71 विधानसभा सीटों के सक्रिय दावेदारों, पूर्व उम्मीदवारों, विधायकों व अन्य के रिपोर्ट कार्ड की भी समीक्षा की जाएगी। दरअसल, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी के तौर पर अमित शाह की यूपी की राजनीति पर गहरी पकड़ थी। यही वजह है कि 2014 के लोकसभा और 2017 के विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति के दम पर पूर्वांचल में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया. साल 2019 में भी उन्होंने पूर्वांचल के लिए खास रणनीति के साथ काम किया और विरोधियों को मात दी थी।

अखिलेश के संसदीय क्षेत्र में अमित शाह की निगाहें
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 13 नवंबर को आजमगढ़ में एक विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे, साथ ही विशेष अवसर पर एक विशाल रैली को संबोधित करेंगे। आजमगढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पार्टी की बैठक में यह घोषणा की। इस बारे में बात करते हुए कहा कि आजमगढ़ ने दो मुख्यमंत्रियों मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव की जीत सुनिश्चित की लेकिन जिला अभी भी एक पहचान संकट का सामना कर रहा है। हम आजमगढ़ में एक विश्वविद्यालय खोलने जा रहे हैं और इसका शिलान्यास 13 नवंबर को अमित शाह करेंगे।
हवाई अड्डा और एक्सप्रेस वे का मिलेगा उपहार
इसके अलावा, उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से इस अवसर पर एक विशाल रैली की तैयारी शुरू करने का अनुरोध किया है, जहां उन्होंने कहा कि आजमगढ़ के लोगों को एक हवाई अड्डा एक्सप्रे सवे भी उपहार में दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे 2017 के बाद राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद हुए परिवर्तनों के बारे में लोगों को बताएं।

अखिलेश व मुलायम पर योगी ने साधा था निशाना
दो दिनों पहले लखनऊ में पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए, योगी ने कहा था कि "आजमगढ़ ने दो सीएम (सपा के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव) की जीत सुनिश्चित की, लेकिन आज खुद एक पहचान संकट का सामना कर रहा है। हम आजमगढ़ को एक विश्वविद्यालय देने जा रहे हैं और इसकी नींव किसके द्वारा रखी जाएगी? अमित शाह जी 13 नवंबर को रखेंगे।
पूर्वांचल में बीजेपी का खेल बिगाड़ने में जुटे हैं अखिलेश- ओम प्रकाश राजभर
दरअसल, सुभासपा के 19वें स्थापना दिवस पर मऊ की धरती से ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के साथ मंच साझा किया। अखिलेश यादव ने मंच से जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2017 में जिस रास्ते से बीजेपी सत्ता में आई अब ओमप्रकाश राजभर ने उस रास्ते को बंद कर दिया है। अब झूठ बोलने वाली बीजेपी के लिए सभी रास्ते बंद हो गए हैं। यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि 2022 में जनता के लिए भविष्य का चुनाव है। कोरोना काल में बीजेपी ने गरीबों को मरने के लिए छोड़ दिया।