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अखिलेश-योगी के बाद अब प्रियंका पर टिकी सबकी निगाहें, कब करेंगी चुनाव लड़ने का एलान

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लखनऊ, 21 जनवरी: उत्तर प्रदेश में जैसे जैसे समय बीत रहा है चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। पहले बीजेपी ने सीएम योगी आदित्यनाथ को अयोध्या की बजाए गोरखपुर शहर से टिकट देकर सियासी हलचल पैदा की तो उसका जवाब समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने दिया। सपा ने अखिलेश का टिकट मैनपुरी जिले के करहल सीट से फाइनल कर दिया है। यानी वर्तमान सीएम और पूर्व सीएम दोनों इस बार चुनावी मैदान में होंगे। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी लेकिन कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर अभी भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या वह चुनाव मैदान में उतरेंगी। हालांकि शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रियंका ने इसका सीधा जवाब तो नहीं दिया लेकिन संकेत दिया कि आने वाले दिनों में ऐसा कुछ हो सकता है।

सीएम चेहरे को लेकर प्रियंका ने दिया दिलचस्प जवाब

सीएम चेहरे को लेकर प्रियंका ने दिया दिलचस्प जवाब

दरअसल शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शुक्रवार को खुद को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करती दिखाई दीं। पार्टी के युवा घोषणापत्र को लॉन्च करने के लिए मीडिया से बातचीत के दौरान यूपी चुनावों के लिए पार्टी के सीएम चेहरे के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा, "क्या कोई और चेहरा दिखाई दे रहा है?"

सीएम पद की होड़ में चार चेहरे

सीएम पद की होड़ में चार चेहरे

यह यूपी चुनाव प्रतियोगिता को और भी दिलचस्प बनाता है, जिसमें चार भारी नेता सीएम पद के लिए होड़ में हैं - योगी आदित्यनाथ, अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी। जबकि सीएम योगी और अखिलेश यादव ने पुष्टि की है कि वे क्रमशः गोरखपुर और करहल सीटों से चुनाव लड़ेंगे, मायावती चुनाव नहीं लड़ेंगी। अब, सभी की निगाहें प्रियंका पर होंगी कि क्या वह चुनाव लड़ती हैं या अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो विधान परिषद का रास्ता अपनाएगी। हालांकि औपचारिक घोषणा का इंतजार है।

कांग्रेस ने महिलाओं पर लगाया दांव

कांग्रेस ने महिलाओं पर लगाया दांव

कांग्रेस पार्टी ने इस बार यूपी चुनाव में महिलाओं पर बड़ा दांव लगाया है। पार्टी ने न केवल महिलाओं के लिए 40 फीसदी टिकट आरक्षित किए हैं, बल्कि उनके लिए 40 फीसदी नौकरियां आरक्षित करने का भी वादा किया है। पार्टी पहले ही छात्राओं को स्मार्टफोन और स्कूटी देने का वादा कर चुकी है। प्रियंका ने 'भारती विधान' नाम से पार्टी के युवा घोषणापत्र को लॉन्च करते हुए वादा किया कि अगर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आती है, तो प्राथमिक स्कूलों में 1.5 लाख शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा।

मैनपुरी के करहल सीट से लड़ेंगे अखिलेश

मैनपुरी के करहल सीट से लड़ेंगे अखिलेश

दरअसल इससे पहले समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने के साथ, आगामी यूपी चुनावों में न केवल एक सीट जीतने के लिए, बल्कि इसे एक सुविधाजनक तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि आसपास के कई जिलों में इसका असर डाला जा सके। इसी को ध्याान में रखते हुए सपा ने अखिलेश को करहल सीट से टिकट दिया जहां इतिहास इस बात की गवाही देता है कि वहां बीजेपी केवल एक बार ही जीत पाई है। यानी सपा के लिहाज से वह बेहद सेफ सीट है। लेकिन इस सीट के पास करीब आधा दर्जन जिलों में अखिलेश के लड़ने का असर बनेगा ऐसा पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है।

गोरखपुर शहरी सीट से लड़ेंगे योगी

गोरखपुर शहरी सीट से लड़ेंगे योगी

ठीक इसी तरह बीजेपी ने गोरखपुर (शहरी) से सीएम योगी आदित्यनाथ और सिराथू (कौशांबी) से डिप्टी सीएम केशव मौर्य की उम्मीदवारी की घोषणा के साथ एक हफ्ते से अधिक समय पहले इस प्रवृत्ति को पकड़ लिया। जबकि योगी गोरखपुर से पांच बार भाजपा के सांसद रहे, जब तक उन्होंने 2017 में यूपी की बागडोर संभाली, मौर्य ने 2014 के लोकसभा चुनावों में फूलपुर से सांसद के रूप में चुने जाने से पहले 2012 के विधानसभा चुनावों में पहली बार भगवा संगठन के लिए सिराथू जीता। योगी और मौर्य दोनों वर्तमान में यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं।

योगी के लड़ने का पूर्वांचल में होगा असर

योगी के लड़ने का पूर्वांचल में होगा असर

भाजपा सूत्रों ने कहा, गोरखपुर से योगी की उम्मीदवारी का असर कोर पूर्वांचल क्षेत्र की कम से कम 50 विधानसभा सीटों पर पड़ सकता है, खासकर आजमगढ़, महाराजगंज, बस्ती, देवरिया, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और संत कबीर नगर जिलों में। इसी तरह, भाजपा वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़ और विंध्य क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मौर्य की उम्मीदवारी पर दांव लगाया है।

अखिलेश मैनपुरी से बनाएंगे माहौल

अखिलेश मैनपुरी से बनाएंगे माहौल

इसी तरह, अखिलेश, हालांकि पूर्वी यूपी के आजमगढ़ से सांसद हैं, अपने पिता और सपा संरक्षक मुलायम सिंह की संसदीय सीट मैनपुरी के करहल से चुनाव लड़ेंगे। सूत्रों ने कहा, अखिलेश शुरू में आजमगढ़ की गोपालपुर सीट पर विचार कर रहे थे, जिसका प्रतिनिधित्व वर्तमान में सपा के नफीस अहमद कर रहे हैं। आजमगढ़ भी सपा का गढ़ था, जहां उसने 2017 में 10 में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा, भगवा लहर के बावजूद, फूलपुर पवई में केवल एक सीट जीत सकी। राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा, अखिलेश यादव बेल्ट से मैदान में आने से पार्टी को न केवल यादव और मुसलमानों के अपने मूल वोट-बैंक को मजबूत करने में मदद मिल सकती है, बल्कि गैर-यादव ओबीसी को भी स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के दलबदल के बाद में मदद मिल सकती है।

यह भी पढ़ें-शिवसेना के टिकट पर डिबाई से चुनाव लड़ेंगे पूर्व विधायक गुड्डू पंडित, कुछ दिन पहले ज्वाइन की थी सपायह भी पढ़ें-शिवसेना के टिकट पर डिबाई से चुनाव लड़ेंगे पूर्व विधायक गुड्डू पंडित, कुछ दिन पहले ज्वाइन की थी सपा

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English summary
After Akhilesh and Yogi, all eyes are now on Priyanka
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