इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अखिलेश के कार्यक्रम को रोकने के लिए ABVP ने खोला मोर्चा, छुट्टी पर गए कुलपति
इलाहाबाद। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में 14 फरवरी को छात्र संघ का उद्घाटन होना है, जिसमें बतौर मुख्य मुख्य अतिथि पूर्व सीएम अखिलेश यादव आ रहे हैं। इसे लेकर पिछले 1 हफ्ते से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मोर्चा खोल रखा है और वह किसी भी कीमत पर अखिलेश यादव के इस कार्यक्रम को न होने देने पर अड़े हुए हैं। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को भी एक ज्ञापन दे दिया है और चेतावनी दी है कि वह अखिलेश यादव के कार्यक्रम को रद्द कराएं क्योंकि छात्र संघ को राजनीतिक पार्टी के रूप में रंगा जा रहा है। इस बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रसंघ उद्घाटन के बाद सभा के आयोजन के लिए यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह मैदान को दे दिया है, जिससे हालात और बिगड़ गये हैं। बढ़ते बवाल के बीच इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू 10 दिन की लंबी छुट्टी पर चले गए हैं जिससे अब तय है कि मामला और बिगड़ेगा ।
कुलपति का छुट्टी पर जाना
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर हांगलू 10 दिनों की छुट्टी पर चले गए हैं। उनके छुट्टी पर चले जाने के बाद कुलपति का चार्ज प्रोफेसर के एस मिश्रा के पास है लेकिन कुलपति का इस तरह अचानक छुट्टी पर चले जाना अपने आप में यूनिवर्सिटी के माहौल और माहौल के पीछे चल रहे तनाव को बयां कर रहा है। दरअसल ढाई साल पहले इसी तरह के ही हालात उस वक्त बने थे जब तत्कालीन गोरखपुर के सांसद योगी आदित्यनाथ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे थे। उस वक्त समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और भारी विरोध के बीच तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर सत्यनारायण भी छुट्टी पर चले गए थे। अब उसी तरह का माहौल फिर से बना है और इस बार छात्र सभा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बुला रही है और एबीवीपी विरोध में उतर रही है।
अखिलेश विरोध की ये है वजह
दरअसल इसके पीछे जो सबसे बड़ा कारण है वह यह है कि 2015 में जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे तब योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आना था। उस वक्त सपा छात्र संघ के नेताओं ने योगी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद नहीं आने दिया था। उस दरमियान योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे और उनके इलाहाबाद यूनिवर्सिटी आने पर आपत्ति जताते हुए छात्र संघ अध्यक्ष रिचा सिंह व उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा था और अंत में योगी आदित्यनाथ का दौरा रद्द हो गया था। अब उसी अनुक्रम में पूर्व सीएम अखिलेश यादव के कार्यक्रम के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य उतर आए हैं। एबीवीपी के छात्रों का कहना है अखिलेश यादव का छात्र राजनीति से कोई लेना देना नहीं है ऐसे में उनका यहां आना किसी भी तरीके से सही नहीं है। अखिलेश राज में छात्र सिर्फ प्रताड़ित हुये हैं। यूनिवर्सिटी को सपा के रंग में रंगने के लिये यह पूरा प्रोपेगंडा हो रहा है।
क्या बोले एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री रोहित मिश्रा ने कहा कि यूनिवर्सिटी परिसर में सपा के राजनीतिकरण के खिलाफ कुलपति, कुलानुशासक, जिला प्रशासन और छात्र अधिष्ठाता को ज्ञापन दिया गया है और अखिलेश यादव के यूनिवर्सिटी आने का हम पुरजोर विरोध करेंगे। हम किसी भी कीमत पर यूनिवर्सिटी का माहौल खराब कर उसे सपा की राजनीति का शिकार नहीं होने देंगे। अखिलेश यादव के कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की है और चेतावनी दी गयी है कि अगर यह कार्यक्रम निरस्त नहीं हुआ तो बुधवार से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में आंदोलन शुरू करेंगे और आंदोलन सड़क तक होगा।
चर्चा में आई थी ॠचा सिंह
आपको याद दिला दें कि जब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में सांसद रहे योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम 2015 निर्धारित हुआ और उनका आना तय हुआ उस वक्त रिचार्ज छात्र नेत्री ॠचा सिंह ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। ॠचा सिंह के साथ उनके सैकड़ों समर्थकों ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया और यह प्रदर्शन इतना व्यापक हुआ कि राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में ॠचा सिंह आ गई। इस आंदोलन में इतना असर दिखाया था कि योगी आदित्यनाथ का तत्कालीन दौरा जिला प्रशासन ने रद्द करा दिया था। उसके बाद देखते ही देखते ॠचा सिंह एक कद्दावर नेत्री के रूप में उभरकर सामने आई और इस ख्याति के दम पर ही सपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान ऋचा सिंह को विधायकी का टिकट भी दे दिया था।
विरोध में छात्रों ने मांगी भीख
मौजूदा छात्र संघ में महामंत्री निर्भय द्विवेदी के नेतृत्व में एबीवीपी अखिलेश यादव के यूनिवर्सिटी कार्यक्रम का विरोध कर रही है। उसी विरोध में एबीवीपी ने भीख मांगी और भीख मांगने के बाद जो कुछ भी इकट्ठा हुआ वह विरोधस्वरूप डीएसडब्ल्यू को दे दिया गया है। छात्र संघ के महामंत्री निर्भय द्विवेदी ने बताया कि छात्र संघ अध्यक्ष खुद दावा कर रहे हैं कि कार्यक्रम में एक लाख लोग एकत्रित होंगे, ऐसे में यह तो पूरी तरह से राजनीतिक कार्यक्रम है। छात्र संघ का बजट राजनीतिक कार्यक्रम पर खर्च नहीं होने दिया जाएगा और ना ही छात्र संघ को किसी पार्टी के राजनीतिक रंग में रंगने दिया जाएगा। अफसोस इस बात का है कि सब कुछ जानते हुए भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम को मंजूरी दी है।