यूपी: विक्षिप्त महिला ने कलेक्ट्रेट परिसर में बच्चे को दिया जन्म, घंटों तक एंबुलेंस का नहीं था पता
हरदोई। यूपी के हरदोई में एक घटना ने गुरुवार को सरकारी दावों पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। कलेक्ट्रेट में घटी इस घटना ने महिला सुरक्षा से लेकर जननी सुरक्षा तक के सरकारी दावों को झूठा साबित कर दिया है। यहां एक विक्षिप्त महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दे दिया। बावजूद इसके महिला को कई घंटे तक इलाज मुहैया नहीं कराया जा सका।
सड़क पर बच्चे को दिया जन्म
महिला ने प्रसव पीड़ा के चलते सड़क पर ही एक पेड़ के नीचे बच्चे का जन्म दिया। ये देख सड़क पर तमाशबीनों की भीड़ जमा हो गई, लेकिन किसी ने उसकी मदद करने की कोशिश तक नहीं की। हालांकि लोगों ने 108 एंबुलेंस को जरूर सूचित कर दिया। इसके बावजूद यहां करीब दो घंटे तक एंबुलेंस नहीं पहुंची। जबकि परिसर से करीब दो सौ मीटर की दूरी पर ही जिला व महिला अस्पताल स्थित है। इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए सभी अधिकारियों ने मौन व्रत धारण कर रखा है।
दूसरी बार हुआ ऐसा
हरदोई के कलेक्ट्रेट में बेसहारा महिला ने दूसरी बार एक बच्चे को जन्म दिया। बताया जाता है कि यह विक्षिप्त महिला काफी समय से कलेक्ट्रेट परिसर में रह रही है और उसकी पहले से एक लड़की है। उस लड़की का जन्म भी कलेक्ट्रेट परिसर में ही हुआ था। बीते 2 साल से एक अर्ध विक्षिप्त महिला खुद को बेसहारा बता कर कलेक्ट्रेट परिसर में रह रही है। महिला के खाने पीने का इंतजाम कलेक्ट्रेट में आने-जाने वाले लोगों द्वारा की जाने वाली आर्थिक मदद ही है। बुधवार को सुबह इसी महिला ने दोबारा खुले में ही फिर एक बच्चे को जन्म दिया।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
इससे पहले भी यूपी में कई बार अस्पताल प्रशासन व सरकारी दावों पर इस तरह के मामलों ने सवाल खड़ा किया है। बीते दिनों आगरा व जौनपुर में भी इस प्रकार की घटना देखने को मिली थी। जहां गर्भवती महिला के साथ कहीं अस्पताल प्रशासन द्वारा हाथापाई की गई तो दूसरी ओर महिला को चेकअप ना कर उसे बताया गया कि डिलीवरी में वक्त है। जिस कारण एक आगरा की महिला ने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया तो जौनपुर की महिला ने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया था।