यूपी: नशे की हालत में परिजन ने डॉक्टर को दौड़ा कर पीटा, फोन करने के बावजूद पुलिस ने नहीं दिया ध्यान
बांदा। यूपी के बांदा में देर रात मरीज को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे शराब के नशे में धुत्त कुछ अराजक तत्वों ने अस्पताल में हंगामा किया। इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा व अन्य स्टाफ के साथ अभद्रता की। 20 मिनट तक चले इस ताण्डव को देखकर मरीजों में अफरा तफरी मच गई और जिला अस्पताल में मौजूद लोगों में भय का माहौल बन गया। वहीं घटना के दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस द्वारा डीआईजी व एसपी को लगातार फोन लगाया गया लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। जबकि जिला अस्पताल के ठीक सामने ही एसपी आवास है और उससे सटा हुआ डीआईजी बांदा का आवास भी है। इसके बावजूद घटनास्थल पर पुलिस लगभग 45 मिनट बाद पहुंची। जिसके चलते मेडिकल स्टाफ में इसे लेकर काफी गुस्सा है।
आपको बता दें कि आज एक मरीज को लेकर कुछ लोग जिला अस्पताल पहुंचे थे। उसी दौरान डॉक्टर अभिषेक अस्पताल में एक सीरियस मरीज को देख रहे थे। अपने मरीज को दिखाने की की बात कहने पर डॉक्टर ने 2 मिनट का समय मांगा। जिसके बाद मरीज के साथ आये शराब के नशे धुत्त उत्पातियों ने डॉक्टर को जमकर पीटना शुरू कर दिया और दौड़ा-दौड़ाकर 20 मिनट तक डॉक्टर की पिटाई की। इस दौरान जो भी स्टाफ डॉक्टर के बचाव में आया उपद्रवियों ने उसी के जमकर अभद्रता की। जिससे ट्रामा सेंटर में दहशत का माहौल बना गया और वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ जान बचाकर भागता हुआ नजर आया।
इस दौरान अस्पताल के सीएमएस ने डीआईजी और बांदा एसपी को कई बार फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। घटना के 45 मिनट बाद मौके पर पुलिस पहुंची लेकिन तब तक सभी उत्पाती घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए थे। पुलिस की कार्यशैली से जहां मेडिकल स्टाफ में जमकर आक्रोश है तो वहीं सीएमएस ने बेहद संगीन आरोप लगाते हुए अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया है। सीएमएस का आरोप है कि अगर एसपी ऑफिस और डीआईजी बंगले के बगल से इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है और अधिकारियों के फोन नहीं उठते जो बेहद चिंताजनक है। अगर पुलिस इसी लापरवाही तरीके से काम करेगी और हमारी सुरक्षा का ध्यान नहीं दिया जाएगा तो हम कैसे मरीजों की रात में इलाज कर सकेंगे।
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