यूपी के रामपुर के एक क्लर्क का नाम भी शामिल है पैराडाइज पेपर की लिस्ट में
रामपुर। जिस तरह से हाल ही में पैराडाइज पेपर के खुलासे के बाद देश के तमाम बड़े नाम चर्चा में आए हैं उसके बाद से लगातार इसपर चर्चा हो रही है। लेकिन इस पेपर में उत्तर प्रदेश के एक मामूली से घर में रहने वाले क्लर्क का नाम भी आया है जिसको लेकर खास चर्चा है। यूपी के रामपुर में रहने वाले जावेद अली खान का भी नाम पैराडाइज पेपर में आया है, जोकि दुबई की एक कंपनी में बतौर क्लर्क काम करते हैं। जावेद का नाम उन 714 लोगों की सूचि में आया है जोकि भारत के हैं। जावेद अली खान का रामपुर मे दो मंजिला एक छोटा सा मकान है।
पैराडाइज पेपर्स की लिस्ट के अनुसार जावेद अली खान सियाम कैपिटल एंड इन्वेसटमेंट लिमिटेड नाम की कंपनी के डायरेक्टर थे और वह इसमे शेयर होल्डर भी थे, उन्हें यह जिम्मेदारी 10 नवंबर 2003 को दी गई थी। इस कंपनी का रजिस्टर्ड पता टोरटोला ब्रिटिश वर्जिन आईसलैंड है, जहाां 18 कंपनियो ने निवेश किया था, जिसमें मुचुरी कैथरीन नैंबुरा, जेटलैंड कॉर्पोरेट जैसी कंपनियां शामिल हैं, ये कंपनियां कैरेबियन आइसलैंड की कंपनी हैं।
हालांकि जावेद अली का नाम पैराडाइज पेपर में नहीं है जिस वक्त इस कंपनी से पैसों का लेन देन बड़े स्तर पर किया गया। जावेद अली ने कंपनी से 22 अगस्त 2006 को ही इस्तीफा दे दिया था। इस बाबत खान का कहना है कि बीवीआई कंपनी का विदेश में खाता कंपनी के मालिकर के कहने पर खोला गया था। मैं काफी लंबे समय से दुबाई के वॉल स्ट्रीट एक्सचेंज में काम कर रहा हूं, मैं यहां बतौर क्लर्क 2000 से काम कर रहा हूं। कंपनी की शुरुआत मुंबई के एक व्यापारी आरिफ पटेल ने की थी। मैंने कागजों पर हस्ताक्षर उनके कहने पर ही किए थे। मुझसे कहा गया था कि कंपनी हमे लोन देगी, मैंने इस अकाउंट को कभी नहीं खोला, मैं कानून को माने वाला व्यक्ति हूं, मैंने आयकर विभाग से कुछ भी नहीं छिपाया है। भारत में मेरे पास कोई संपत्ति नहीं है, मैं यहां 6500 दिरहम हर महीने कमाता हूं और 25 साल पहले यहां आ गया था। वहीं रामपुर स्थित जावेद खान के घर पर उनकी मां, बहन, भतीजा और चचेरे भाई-बहन रहते हैं। उनका कहना है कि जावेद पिछले महीने घर में एक शादी के वक्त यहां आए थे।
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