कौशांबी : DM ने नहीं निभाया शौचालय का वादा तो दुल्हन ने ससुराल जाने से किया इनकार
इलाहाबाद। स्वच्छता व शौचालय के प्रति जागरूकता के साथ महिलाओं के इस ओर बढ़ते सशक्त कदम का नजारा एक बार फिर देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक नवविवाहिता ने ससुराल जाने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया, क्योंकि उसकी ससुराल में शौचालय नहीं है। हलांकि इसमे सार दोष ससुराल पक्ष का ही नहीं है। शौचालय देने का वादा शादी के सात फेरे लेने के दौरान जिले के मुखिया यानी डीएम ने किया था, लेकिन शादी के बाद जब उन्होंने अपना वादा नहीं पूरा किया तो दुल्हन ने भी ससुराल जाने से इनकार कर दिया है।
क्या है घटना
कौशांबी के मंझनपुर में 24 फरवरी को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में डीएम मनीष वर्मा ने मंच से घोषणा की थी कि, जिस नवविवाहित जोड़े के घर मे शौचालय नहीं है, उन्हें जिला प्रशासन शौचालय गिफ्ट करेगा लेकिन डीएम का वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जिससे नाराज शाहपुर गांव की लक्ष्मी देवी ने सिराथू ब्लॉक के कैमा गांव की अपनी नयी नवेली ससुराल को छोड़ दिया और शौचालय की मांग न पूरी होने पर वापस अपने पिता के घर चली आई। पति व ससुराल पक्ष से लाख को की लेकिन लक्ष्मी ससुराल जाने को तैयार नहीं हुई। पति व परिजनों ने अब डीएम से अपना वादा पूरा करने की गुहार लगाई है ताकि लक्ष्मी वापस ससुराल जा सके।
अपने फैसले पर अड़ी लक्ष्मी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत दर्जनों जोड़ों ने सामूहिक रुप से एक-दूसरे का हाथ थामा था। उनमे एक जोड़ी सरसवा ब्लॉक के शाहपुर गांव की लक्ष्मी देवी और सिराथू ब्लॉक के कैमा गांव निवासी मक्खन लाल की भी थी। शादी के बाद लक्ष्मी पहली बार 5 मई को ससुराल गयी, लेकिन ससुराल में शौचालय न देखकर वह परेशान हो गयी। सुबह शौच के लिए लोटा लेकर खेतों की ओर जाने से लक्ष्मी ने इनकार कर दिया और पति मक्खन से साफ कह दिया कि उसे घर में शौचालय चाहिए नहीं तो वह नहीं रहेगी ।
चली गई मायके
तीन दिन बाद भी जब घर में शौचालय का काम नहीं शुरू हुआ तो आखिरकार लक्ष्मी का धैर्य जवाब दे गया और उसने अपने परिजनों को ससुराल बुलाया और मायके चली गई। ससुराल पक्ष के लोग अब जब लक्ष्मी को बुलाने पहुंचे तो लक्ष्मी ने ससुराल आने से साफ इनकार कर दिया। लक्ष्मी ने ससुरालियों से कहा कि अगर घर में शौचालय नहीं होगा तो वह ससुराल नहीं आएगी।
प्रशासन पर भी सवाल
हलांकि इस मामले में पूरी तरह से ससुराल पक्ष की भी गलती नहीं मानी जा रही है क्योंकि जब सामूहिक विवाह समारोह के दौरान डीएम ने खुद शौचालय बनवाने का वादा किया था तो उन्हें यह वादा निभाना भी चाहिए था। पति व ससुराल पक्ष के लोगों ने डीएम से मांग की है कि वह अपना वादा निभाए और शौचालय बनवाए ताकि उनकी बहू वापस घर आ सके। फिलहाल लक्ष्मी की कहानी अब सुर्खियों में आ गई है और लक्ष्मी के साहस की हर जगह सराहना हो रही है।
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