अखिलेश का दर्द जो नेताजी भी नहीं समझ पाए, बोले मंत्री मेरी सुनता नहीं था
अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति पर दिया बड़ा बयान, बोले ये मेरी सुनता नहीं है, इसने दीपक सिंघल को बेइमान कहा था।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के भीतर जिस तरह से घमासान मचा है उसमे एक बात साफ निकलकर आयी है कि हर नेता ने एक दूसरे के उपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, इसमें ना सिर्फ शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव बल्कि अखिलेश यादव भी शामिल है।
सपा
संग्राम
में
दो
फाड़
के
बाद
जानिए
कौन
नेता
किसके
साथ
आज
जिस
तरह
से
पहले
अक्षय
यादव
ने
अपने
पत्र
में
शिवपाल
यादव
पर
भ्रष्टाचार
के
आरोप
लगाए
और
उसके
बाद
शिवपाल
ने
अपने
संबोधन
में
धन
उगाही,
अवैध
वसूल,
अवैध
कब्जे
के
आरोप
लगाए
उससे
साफ
हो
गया
कि
पार्टी
के
भीतर
लूट
मची
हुई
थी।
VIDEO: मुलायम के सामने कैसे भिड़े अखिलेश और शिवपाल
मुलायम बोले तुम सीएम हो गायत्री को बचा सकते हो
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने संबोधन में साफ कहा कि नेताजी आपने कहा था कि तुम चाहो तो गायत्री प्रजापति को बचा सकते हो, तुम मुख्यमंत्री हो। जब मैंने गायत्री को हटाया तो वह आपके पास भागकर गया और उसने कहा कि दीपक सिंघल बेइमान है।
समाजवादी मुलायम के कुनबे में फसाद के पीछे हैं ये छह अहम किरदार
आपके
कहने
पर
बनाया
था
मुख्य
सचिव
अखिलेश
ने
कहा
कि
जब
आपने
कहा
कि
दीपक
सिंघल
को
सचिव
बना
दो
तो
मैंने
बना
दिया,
लेकिन
मैं
जानता
था
कि
इसके
पीछे
कौन
है।
आपने
दस
दिन
के
भीतर
दो
बार
दीपक
सिंघल
के
फैसले
को
बदलवाया।
आपकी
बातों
से
बहुत
दुख
पहुंचा
था
अखिलेश
ने
कहा
कि
आपने
मुझे
बहुत
कुछ
कहा
था
उस
दिन
फोन
पर,
मैं
हमेशा
यही
समझता
था
कि
आप
मेरे
पिता
हैं
जो
चाहे
कह
सकते
हैं,
लेकिन
उस
दिन
मुझे
आपकी
बातों
से
बहुत
दुख
पहुंचा
था।
गायत्री
मेरी
सुनता
नहीं
था
अखिलेश
ने
साफ
कहा
कि
गायत्री
प्रजापति
मेरी
सुनता
कहां
है।
अखिलेश
के
इस
बयान
ने
यह
साफ
कर
दिया
है
कि
पार्टी
के
अंदर
अखिलेश
को
सिर्फ
चाचा
और
पिता
से
ही
नहीं
बल्कि
अन्य
विधायकों
और
मंत्रियों
से
भी
दो-चार
होना
पड़
रहा
था।
विपक्ष
के
आरोप
सही
साबित
हुए
जिस
तरह
से
तमाम
विरोधी
पार्टियां
सपा
पर
आऱोप
लगाती
आई
हैं
कि
यह
साढ़े
चार
मुख्यमंत्री
वाली
सरकार
है,
उस
बात
पर
सपा
की
भीतरी
कलह
ने
मुहर
लगा
दी
है।
लेकिन
इन
सब
के
बीच
जो
सवाल
उठता
है
वह
यह
कि
कैसे
जनमत
पूर्ण
बहुमत
की
सरकार
को
तमाम
नेताओं
की
व्यक्तिगत
फायदे
की
भेंट
चढ़ा
दिया
गया।