इन 5 वजहों के चलते यूपी में भाजपा ने हासिल किया प्रचंड बहुमत
यूपी में भाजपा की बंपर जीत के पीछे की 5 बड़ी वजह, सपा-बसपा की कमजोरियों को भाजपा ने यूपी के चुनाव में पूरी तरह से भुनाया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी प्रचंड जीत हासिल कर रही है और इस जीत को लेकर तमाम भाजपा नेता काफी उत्साहित है, एक तरफ जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की जीत है उससे समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता प्रदेश में एक बार फिर से पार्टी के काम आई है।
पीएम की लोकप्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में अपने चुनावी प्रचार अभियान के दौरान कुल 31 रैलियों को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने दो रोड शो भी किया, इन तमाम रैलियों और रोड शो में वह जबरदस्त भीड़ बटोरने में सफल हुए। जिस तरह से उन्होंने तमाम रैलियों में गरीबों की बात की, किसानों के कर्ज की माफी की बात की और तमाम केंद्र सरकार की योजनाओं की बात की उसने लोगों के भीतर भाजपा के लिए एक अलग छवि बनाने का काम किया।
सपा की अन्य जातियों की अनदेखी
2012 में जिस तरह से समाजवादी पार्टी ने 221 सीटों पर जीत हासिल की थी उसके पीछ बड़ा योगदान मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक समझबूझ थी। मुलायम सिंह यादव मुस्लिम और यादव वोटबैंक के अलावा अन्य पिछड़ी जातियों सहति तमाम जातियों के समीकरण को साधने में अहम भूमिका निभाते थे जिसका फायदा पार्टी को हमेशा मिलता था और कभी भी पार्टी को इस तरह से हार का सामना नहीं करना पड़ा था। वहीं इस बार अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह और शिवपाल यादव को जिस तरह से किनारे किया और मुस्लिम वोटों के गठजोड़ के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन किया वह पार्टी के लिए घातक साबित हुआ है।
मायावती की मुस्लिम राजनीति
माना जा रहा था कि इस बार के चुनाव में मायावती साइलेंट खिलाड़ी के तौर पर उभरेंगी, लेकिन जिस तरह से सपा के भीतर विवाद हुआ उन्होंने इसका लाभ उठाने की पूरी कोशिश की और मुस्लिम वोटों को साधने के लिए पहली बार 100 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया, ऐसे में कई विपक्षी नेताओं ने यह सवाल भी उठाया कि उन्होंने किन पिछड़ी जातियों और दलित उम्मीदवारों के टिकट को रद्द कर दिया और मुस्लिमों को टिकट दिया। मुस्लिम वोटों को साधने में मायावती ने तमाम अन्य जातियों को दरकिनार किया जिसका उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ा है।
भाजपा का राजनीतिक समीकरण
सपा-बसपा के खुद की नाकामियों के इतर इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तमाम जातियों के वोटबैंक को साधने के लिए जबरदस्त समीकरण बनाया जिसका फायदा पार्टी को इस चुनाव में मिला है। भाजपा ने इस बार 170 अति पिछड़े वर्ग व गैर यादवों को टिकट देकर मैदान में उतारा, भाजपा का यह फैसला उसके लिए संजीवनी बूटी का काम कर गया। पिछड़ी और छोटी-छोटी जातियों को साधने के लिए भाजपा ने कई छोटे और स्थानीय नेताओं व दलों के साथ गठबंधन किया, जो पार्टी के पक्ष में गई।
सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को लेकर लोगों में मिलीजुली प्रतिक्रिया थी, हालांकि लोग इस बात को स्वीकार कर रहे थे कि उन्हें तकलीफ हो रही है लेकिन आखिरकार उन्होंने नोटबंदी के फैसले को सही ठहराया, जिसका भाजपा को सीधा लाभ हुआ है। वहीं सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लोगों के बीच यह संदेश देने में सफल हुआ कि पार्टी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर रही है, जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 के चुनावों में सीमा पार आतंकवाद पर बयान दिया और उसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया उससे लोगों के भीतर मोदी को लेकर भरोसा बढ़ा उसका पार्टी को प्रदेश के चुनाव में भरोसा हुआ है।