इन 5 वजहों से मरने तक को तैयार हैं यूपी के 1 लाख 72 हज़ार शिक्षामित्र
लखनऊ। यूपी के लखनऊ में बुधवार को समायोजन रद्द होने के ठीक एक साल बाद शिक्षामित्रों का प्रदर्शन एक बार फिर से तेज हो गया। इस बार लखनऊ के ईको गार्डेन में शिक्षामित्रों का प्रदर्शन उग्र हो गया और उन्होंने अपने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही सीएम आवास को भी घेरने की कोशिश की। उन्होंने राज्य व केंद्र की सरकार पर अपनी अनदेखी करने के आरोप लगाए। प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने अब तक जान गंवाने वाले अपने साथियों की आत्मा की शांति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घांजलि दी और अपने बाल मुंडवा लिए। इसमें सबसे हैरानी की बात ये रही कि बाल मुंडाने वालों में महिलाएं भी शामिल रहीं। हालांकि योगी सरकार शिक्षामित्रों के इस अनोखे प्रदर्शन के बाद से हरकत में आई और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर दी। जिसे सीएम को अपने सुझाव देने हैं।
क्या हैं शिक्षामित्रों की मांगे
शिक्षामित्रों को पिछले साल 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद समायोजन रद्द कर दिया गया था। जिसके बाद एक साथ 1.70 लाख शिक्षकों की नौकरी चला गई थी। इसके बाद लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड पर 38 दिनों तक लगातार धरना प्रदर्शन का दौर चला था। नौकरी जाने के अवसाद में एक साल में लगभग 700 लोगों की मौत हो गई थी। इन्हीं लोगों की मौत पर श्रद्धांजलि देने शिक्षामित्र लखनऊ में एकत्रित हुए थे। आइये जानतें हैं शिक्षामित्रों की क्या मांगें हैं जिनके लिए वे मर मिटने तक को तैयार हैं-
1.
समायोजन
बहाल
कर
फिर
से
पूर्ण
शिक्षक
का
दर्जा
दिया
जाए
2.
बेसिक
शिक्षा
नियमावली
के
अनुसार
पूर्ण
शिक्षक
का
वेतनमान
दिया
जाए
3.
जो
शिक्षक
टीईटी
पास
है
उन्हें
बिल
लिखित
परीक्षा
के
सिर्फ
अनुभव
के
आधार
पर
नियुक्ति
दी
जाए
4.
शिक्षामित्रों
को
समान
कार्य
समान
वेतन
दिया
जाए।
5.
मृत
शिक्षामित्रों
के
परिवार
को
आर्थिक
सहायता
दी
जाए।