BSA में 48 करोड़ का रिजल्ट घोटाला: पन्नों पर कर दिया पास, खा गए छपाई का पैसा!
शाहजहाँपुर। शाहजहांपुर के बेसिक शिक्षा विभाग में 48 लाख के घोटाले का मामला सामने आया है। यहां विभाग ने रिजल्ट कार्ड छपवाने के नाम पर लाखों रूपये के कमीशन का बन्दरबांट कर लिया। रिजल्ट कार्ड उस वक्त छपवाए गए जब बच्चों को शैक्षिक सत्र पूरा हो गया। मामले के खुलासे के बाद जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच में तत्कालीन बीएसए और सहायक लेखाधिकारी तक नप सकते हैं। फिलहाल घोटाले के खुलासे के बाद पूरे महकमे में हड़कप मचा हुआ है।
बच्चों को कागजों में ही पास दिखा दिया
शाहजहांपुर के बैसिक शिक्षा विभाग में एक बड़ा घोटाला पकड़ में आया है। दरअसल, शिक्षा सत्र 2016-17 में 30 मार्च तक बच्चों के रिजल्ट कार्ड बांटे जाने थे। लेकिन घोटालेबाज अफसरों ने एक साजिश के तहत रिजल्ट का बजट रोक लिया। परीक्षा होने के बाद बच्चों को कागजों में ही पास कर दिया, जबकि रिजल्ट कार्ड की छपाई पर पैसा खर्च ही नहीं किया गया। इसके बाद घोटालेबाज अफसरों ने पिछले शैक्षिक सत्र के कार्ड अगले सत्र में मई महीने में चार लाख रिजल्ट कार्ड और चार लाख बच्चों के प्रोफाइल बुक छापने के ऑर्डर दे दिए। आरोप है कि इस छपाई में अधिकारियों ने लाखों रूपयों के कमीशन का बंदरबांट किया। चर्चा है कि छपाई एक निजी संस्था पंचायती उद्योग सरोजनी नगर लखनऊ से कराई गई और मनमाने बिल हासिल किए गए। आलाम ये है कि पिछले सत्र के लिए छपवाए गए रिजल्ट कार्ड गोदामों में धूल फांक रहे है। फिलहाल जिला प्रशासन के अधिकारी इसे घोटाले की एक बड़ी साजिश बता रहे है और जांच के बाद कार्रवाई की बात कर रहे है।
गोदमों में पहले से ही धूल फांक रहे हैं रिजल्ट कार्ड
पिछले सत्र में ही रिजल्ट कार्ड की छपाई पर 48 लाख खर्च दिखाकर लाखों का बंदरबांट किया गया। जबकि कार्ड गोदामों में पहले से रखे हुए थे। इस बाद जैसे ही रिजल्ट छपाई की फाईल जिलाधिकारी के पास पहुंची तो मामले का खुलासा हो गया। जिस सत्र में रिजल्ट कार्ड का घोटाला किया गया था उस वक्त देवेन्द्र पाण्डेय जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी थे साथ ही सर्व शिक्षा अभियान के सहायक लेखाधिकारी पी पी सिंह पर घोटाले की जांच चल रही है। फिल्हाल मौजूदा बीएसए भी इसे एक बड़ी वित्तीय अनियमिता मान रहे है। अब पुराने रिजल्ट कार्ड को इस सत्र में खपाने की तैयारी की जा रही है।
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन
एडीएम प्रशासन जितेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी ने मामले की जांच हमे दी है। जिस सत्र मे रिजल्ट की छपाई होना थी। आखिर क्यों नही की गई। और उसका पैसा कैसे निकल गया इसकी जांच की जा रही है। जांच मे जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
शैक्षिक सत्र बीत जाने के बाद छपवाया रिजल्ट
शाहजहांपुर में 32 सौ स्कूलों में लगभग 4 लाख छात्र पढ़ते है और सभी को रिजल्ट कार्ड बांट जाने थे जिसके लिए उन्हे 48 लाख का बजट जारी किया गया था। लेकिन घोटालेबाज अफसरों ने पहले ही तय कर लिया था कि उस बजट में घोटाला किया जायेगा क्योकि शैक्षिक सत्र बीत जाने के बाद रिजल्ट कार्ड छपवाने का कोई औचित्य ही नही था। फिल्हाल वक्त रहते घोटाले का खुलासा हो गया। अब जिला प्रशासन की नजर बेसिक शिक्षा विभाग को कई और खरीदों पर भी जिनमें गोलमाल की आंशका की जा रही है। फिल्हाल इस घोटाले के मामले में तत्कालीन बीएसए देवेन्द्र पाण्डेय और सहायक लेखाधिकारी पीपी सिंह की गर्दन नप सकती है।
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