मैनपुरी में घर से उठीं एक साथ चार अर्थिंयां, नोएडा के फ्लैट में हुए थे हादसे का शिकार
मैनपुरी। ग्रेटर नोएडा हादसे में मैनपुरी के उद्दैतपुर अभई के एक ही परिवार के चार लोगों को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। गुरुवार शम जब एक ही परिवार को चारों लोगों के शव गांव पहुंचे तो हर एक की आंखे नम थी। अपनों को खोने का जो गम परिवार को था, उसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल था। जिसने भी सुना वो परिजनों को सांत्वना देने के लिए आ रहा था। वहीं, परिजनों ने इस हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ फांसी की मांग की है।
ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो इमारतें जमींदोज़ हो गईं। एक निर्माणाधीन बिल्डिंग दूसरी बिल्डिंग पर गिर गई। इस हादसे में करीब 9 लोगों के मारे जाने की खबर आ रही है। वहीं, मैनपुरी के उद्दैतपुर अभई गांव निवासी सुरेंद्र त्रिवेदी के परिवार के चार लोगों को मौत हो गई थी। 14 जुलाई को सुरेन्द्र त्रिवेदी के बेटे शुभम उर्फ शिव त्रिवेदी ने नए फ्लैट में गृह प्रवेश किया था। पूरे परिवार के साथ शिव ने गृह प्रवेश का कार्यक्रम किया था, सभी बहुत खुश थे। लेकिन किसी को नहीं पता था कि उनकी खुशियां चार दिनों में ही मातम में बदल जाएंगी। एक ही परिवार के शिव त्रिवेदी, राजकुमारी त्रिवेदी, प्रियंका त्रिवेदी और पंखुरी त्रिवेदी की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ था। गुरुवार शाम को जब चारों शव गांव पहुंचे तो दो दिन से रो-रोकर सूख चुकी आंखों से फिर आंसू बहने लगे।
26 वर्षीय शिव पढ़ने में काफी होशियार था। परिजनों की माने तो 6 साल पहले शिव पढ़ने के लिए नोएडा गया था और वहीं, पर रहकर नौकरी करने लगा। 14 जुलाई को शिव ने नोएडा में एक 28 लाख रुपए का फ्लैट खरीदा था, जिसके गृह-प्रवेश में घर के सभी लोग नोएडा गए थे। ग्रह-प्रवेश के बाद परिवार के बाकी लोग तो अगले दिन लौट आए थे। लेकिन शिव की मां राजकुमार, भाभी प्रियंका और भतीजी पंखुरी वहीं रुक गई थी। बिल्डिंग गिरने से एक घंटे पहले ही मंगलवार रात आठ बजे शिव की भाई राम से बात हुई थी। तब उसने गुरुवार को सभी को वापस भेजने की बात कही थी। लेकिन गुरुवार को उन सभी की लाशें लौटकर आईं।