यूपी: उन्नाव में झोलाछाप डॉक्टर के इलाज ने 20 लोगों को दिया AIDS
उन्नाव। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राशन कार्ड बनवाने और विधवा पेंशन दिलवाने के नाम पर रिश्वत के तौर पर ग्राम प्रधान सहित 13 लोगों ने महिला से शारीरिक संबंध बनाए और सभी को एड्स हो गया। इस खबर ने पूरे सूबे को हिलाकर रख दिया था। अब ऐसा ही एक चिंताजनक मामला राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव में सामने आया है। यहां के बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में साइकल पर घूमकर एक झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करता था। एक ही इंजेक्शन का कथित तौर पर बार-बार इस्तेमाल करने से करीब 20 लोग एचआईवी संक्रमित हो गए हैं। एचआईवी पॉजिटिव खबर सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की टीम भेजकर मरीजों का निरीक्षण कराया है।
जान लीजिए पूरा मामला
नवंबर-2017 में बांगरमऊ तहसील के कुछ गांवों में एक एनजीओ ने हेल्थ कैंप लगाया था। इसमें जांच के दौरान कुछ लोगों में एचआईवी के लक्षण मिले। इन्हें आगे की जांच के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। वहां कई लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि क्षेत्र में लोगों का इलाज करने वाला एक झोलाछाप एक इंजेक्शन का बार-बार इस्तेमाल करता था। समझा जाता है कि झोलाछाप ने वह इंजेक्शन किसी एचआईवी पीड़ित को लगाया होगा। इससे उसकी सुई संक्रमित हो गई होगी। फिर वही इंजेक्शन दूसरे मरीजों को लगाने से वे भी संक्रमित हो गए।
डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर चौधरी ने बताया कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया है। कोतवाली प्रभारी बांगरमऊ ने बताया कि इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के अंतर्गत दोषी झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी बांगरमऊ ने दोषी डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है। अभी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
क्या कहना है सीएमओ का
सीएमओ डॉक्टर चौधरी ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सक क्लीनिक खोलकर गांव में मरीजों को उपचार करता था। जिसने एक ही सिरिंज से कई लोगों को इंजेक्शन लगाया। जिससे HIV फैल गया। उन्होंने कहा कि झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बांगरमऊ कोतवाली प्रभारी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांगरमऊ के प्रभारी डॉक्टर ने झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी थी। जिस पर कार्यवाही करते हुए झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र यादव के खिलाफ 269/308/15 (3) इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। शीघ्र ही दोषी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
क्या है AIDS
AIDS - Acquired Immuno Deficiency Syndrome यानि कि उपार्जित प्रतिरक्षा नाशक रोग समूह, जिसका अर्थ है कि एड्स मनुष्य जाति मेंस्वाभाविक रूप से शुरू नहीं हुआ बल्कि मनुष्य जाति के अपने ही कुछ कर्मों के कारण उपार्जित हुआ। यह एक संक्रामक रोग है जो कि एच.आई.वी. (ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेन्सी वायरस) नामक विषाणु केसंक्रमण के फलस्वरूप होता है। जब यह विषाणु शरीर में प्रवेश कर जाता है तो रक्त में पहुंच कर रक्तके सफेद कणों में मिलकर उसके DNA में पहुंच जाता है जहां वह विभाजित होता है और रक्त केसफेद कणों पर आक्रमण करता है। धीरे-धीरे यह सफेद कणों की संख्या बहुत कम कर देता है। उसीकमी या समाप्ति के साथ शरीर की रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को समाप्त करता है।
कैसे फैलता है AIDS
- प्राकृतिक और अप्राकृतिक यौन सम्बंधो द्वारा
- इंजेक्शनों द्वारा नशीली दवाइयाँ लेने से
- एड्स से दूषित रक्त या रक्त उत्पादों द्वारा
- एड्स बीमारी से ग्रस्त माताओं द्वारा बच्चों में
- नाइयों के उस्तरे, टैटू मशीन (गोदना मशीनों), लडकियों के नाक व कान छेदने के लिये काम आने वाली दूषित औजार या मशीन से भी रोग के फैलने की पूरी संभावना होती है।
- ठीक ऐसे ही किसी ऑपरेशन के दौरान अगर दूषित सर्जिकल औजार का प्रयोग यदि मरीज पर किया गया है तो भी यह रोग हो सकता है |
- यदि किसी एड्स के रोगी को चोट लगी हो और उस चोट के संपर्क में स्वस्थ व्यक्ति की चोट या खुला घाव आ जाये तो भी एड्स हो सकता है |
- कृत्रिम गर्भाधान के लिए वीर्य देने वाले व्यक्ति में यदि एड्स संक्रमण है तो उत्पन्न होने वाले बच्चों को यह संक्रमण हो सकता है।
- असुरक्षित यौन संबंधों से बचना चाहिए।
- खून को अच्छी तरह जांचकर ही चढ़ाना चाहिए।
- उपयोग की हुई सुइयों या इंजेक्शन का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- दाढ़ी बनवाते समय नाई से नया ब्लेड प्रयोग करने के लिए कहना चाहिए।
ऐसे करें AIDS से बचाव
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