यूपी के इस जिले में हैं 14 हजार 'विजय माल्या', जानिये बैंक से कितना लिया है कर्ज
शाहजहांपुर। संसद ने भगोड़े अपराधियों पर नकेल कसने के लिए 'फगीटिव इकॉनॉमिक ऑफेंडर बिल 2018' पारित कर दिया। इस कानून को लागू करने से विजय माल्य और नीरव मोदी जैसे भगोड़ों पर शिकंजा कसा जा सकेगा, लेकिन यूपी के शाहजहांपुर में 14 हजार से ज्यादा छोटे विजय माल्या मौजूद हैं। इन हजारों लोगों के पास 220 करोड़ से ज्यादा का बैंक लोन बकाया है। अब बैंकों ने 14 हजार से ज्यादा कर्जदारों के खिलाफ रिकवरी की आरसी जारी की है। फिलहाल एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद से बैंक कर्जदारों में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन ने भी 220 करोड़ की रिकवरी के लिए राजस्व विभाग को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल शाहजहांपुर में 30 अलग-अलग बैंकों ने लोगों को सरकारी योजनाओं के नाम पर 220 करोड़ रुपए लोन पर दिया था। जिसमें सबसे ज्यादा लोन बैंक ऑफ बड़ौदा ने बांटा है। लेकिन पूरे जनपद में 14 हजार से ज्यादा लोग बैंक द्वारा दिये गये कर्ज का पैसा दबाए बैंठै हैं। इनमें से कई ऐसे है जो जिला छोड़कर दूसरे राज्यों में नौकरी कर रहे हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी जब बैंक का कर्ज वापस नही मिला तो बैंक ने जिला प्रशासन के साथ खास बैठक करके पैसों की रिकवरी करने का फैसला किया है।
इसी के चलते लीड बैंक ने सभी तीस बैंकों का लगभग 220 करोड़ रुपयों की वसूली के लिए सभी 14 हजार कर्जदारों के खिलाफ रिकवरी के लिए सभी पांचों तहसीलों के लिए आरसी जारी की है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व एके श्रीवास्तव ने बताया कि बैंक के अरबों रूपये की रिकवरी के संबंधित तहसीलों को रिकवरी के आदेश दिये हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि रिकवरी में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। बैंकों का ये भी कहना है कि अगर व्यापारियों और उद्योगों पर बकाया का आंकलन किया जाये तो रिकवरी कई अरबों में हो सकती है। फिल्हाल बैंकों की इस कार्यवाही के बाद से कर्जदारों में हड़कम्प मचा हुआ है।
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