'120% Fact: दादी की पारंपरिक सीट रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका'
'प्रियंका को पहले लाया गया होता तो राहुल के कैरियर पर संकट आ सकता है। इसीलिए प्रियंका को किनारे रखा गया था।'
अमेठी। कांग्रेसियों और खासकर अमेठी के लोगों के लिए खबर शुभ है, वो ये की कांग्रेस पार्टी के नेशनल प्रेसीडेंट राहुल गांधी अमेठी से ही इलेक्शन लड़ेंगे। कांग्रेस एमएलसी ने दावा किया है की इस बार राहुल गांधी 5 लाख वोटों से जीतेंगें। वहीं दशक भर से कांग्रेस की स्टार कैंपेनर प्रियंका गांधी को पार्टी में लाए जानें की कांग्रेसियों की दिली मुराद पूरी हो सकती है। एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रियंका गांधी कांग्रेस की महासचिव हो सकती हैं और रायबरेली से दादी इंदिरा गांधी की पारंपरिक सीट से इलेक्शन भी लड़ सकती हैं।
9 बार जीते गांधी खानदान के लोग
आपको बता दें की अमेठी गांधी परिवार का गढ़ है और राहुल गांधी की लोकसभा सीट है, वो तीन बार यहां से सांसद रहे हैं। अमेठी 1967 में लोकसभा सीट बनी, तब से यहां हुए 15 आम चुनाव और उप चुनाव में 13 बार कांग्रेस जीती है और 9 बार गांधी खानदान के लोग लेकिन 2009 में 370000 के मार्जिन से जीतने वाले राहुल 2014 में स्मृति ईरानी से करीब 1 लाख के मार्जिन से जीते थे।
कांग्रेस MLC का दावा 2019 में 5 लाख से जीतेंगे राहुल
बावजूद इसके राहुल के बेहद करीबी और कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने दावा किया है की राहुल गांधी 2019 में अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे ये 100% सच है। उन्होंने ये भी दावा किया है की 2019 में राहुल गांधी 5 लाख वोटों से चुनाव जीतेंगे। इसलिए की अमेठी उनका परिवार है, भगोड़े आते-जाते रहते हैं, इससे पहले भी बहुत सारे लोग आते-जाते रहे। वहीं प्रियंका गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के मुद्दे पर कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने कहा कि हम कुछ कह नहीं सकते, और ना ही डिमांड कर सकते हैं।
120% FACT: प्रियंका गांधी दादी की पारंपरिक सीट से लड़ेगी चुनाव
उधर राहुल गांधी के पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष का दायित्व संभालने के बाद प्रियंका गांधी ने भले ही कहा है की '2019 में रायबरेली से मेरे लड़ने का कोई सवाल नहीं है, मेरी मां वहां से लड़ेंगी।' इसके बाद भी यहां अमेठी में एक्सपर्ट्स ने बड़े दावे किेए हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं अधिवक्ता विवेक विक्रम सिंह ने OneIndia.com से खास बातचीत में कहा की प्रियंका गांधी दादी की पारंपरिक सीट से चुनाव लड़ेगी ये 120% फैक्ट है, साथ ही उन्होंने प्रियंका गांधी को कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव बनाए जानें की भी बात कही है।
देश और कांग्रेस प्रियंका में देखती है इंदिरा का अक्स
OneIndia.com से अपना तर्क रखते हुए वरिष्ठ पत्रकार ने कहा की राहुल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद प्रियंका की डगर साफ हो गई है, अब तक ओहापोह की स्थित थी कि अगर प्रियंका को ले आया गया तो राहुल के कैरियर पर संकट आ सकता है। इसीलिए प्रियंका को किनारे रखा गया था। अब ये तय है की दादी इंदिरा गांधी की पारंपरिक सीट से प्रियंका चुनाव लड़ेंगी। क्योंकि पूरी कांग्रेस और देश प्रियंका में ही इंदिरा का अक्स देखती है। उन्होंने कहा के अगर पहले ही प्रियंका को ले आया जाता तो कांग्रेस आज यहां न होती।
एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा...
उन्होंने कहा की जब पहली बार 1999 में अमेठी से सोनिया गांधी ने चुनाव लड़ा था तो कमान प्रियंका ने ही थामी थी और उन्हें 67.12% वोट मिले थे। इसके बाद 2004 में सोनिया ने बेटे राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ा, दोनों ही सीटों की चुनावी कमान प्रियंका के हाथों में रही। अमेठी में राहुल को 66.18% तो रायबरेली में मां सोनिया को 58.75% वोट मिले। 2009 में तो प्रियंका की कमान ने राहुल की अमेठी से जीत में चार चांद लगा दिया था, उन्हें 71.78% वोट मिले थे जबकि रायबरेली से मां सोनिया को 72.23% वोट।
प्रियंका की ही देन कि राहुल को हुआ फायदा
विक्रम सिंह बताते हैं की 2014 मोदी लहर में भी प्रियंका का दादी की पारंपरिक सीट पर जलवा कायम रहा, मां सोनिया एक दिन भी कैंपेन में नहीं आई फिर भी 63.80% वोट उन्हें मिले। अमेठी में तो बीजेपी ने सारा तंत्र लगा रखा था, राजनीतिक परंपरा को तोड़ खुद पीएम पद के उम्मीदवार तक कैंपेन को पहुंचे थे। इसके बावजूद ये प्रियंका की ही देन थी की कड़े मुकाबले के बाद भाई राहुल को उन्होंने 46.71% वोट मिले।
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