तय समय में शौचालय नहीं बनवा पाए, 107 सचिवों की सैलरी रुकी
107 ग्राम सचिवों की सैलरी रोकी गई, शौचालय नहीं बनवा पाने में रहे विफल, मऊ में बैठक के बाद की गई कार्रवाई, समीक्षा बैठक में आई बात सामने
मऊ। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत योजना को जमीन पर लागू नहीं करना अधिकारियों को महंगा पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में स्वच्छ भारत योजना अभी भी जमीन पर अपने पांव जमाने में विफल रही है, जिसके बाद इस लागू नहीं कर पाने के लिए जिम्मेदार ग्राम पंचायतों के खिलाफ सरकार का डंडा चलना शुरू हो गया है। प्रशासन ने तमाम मुख्य विकास अधिकारियों के साथ इस बाबत एक बैठक की कि आखिर क्यों स्वच्छ भारत अभियान जमीन पर उतर नहीं पा रहा है। इस समीक्षा बैठक में जो बात सामने आई है वह यह कि 205 ग्राम पंचायतों में शौचालय के निर्माण की स्थिति बेहद खराब है, इन ग्राम पंचायतों में शौचालय की स्थिति काफी खराब पाई गई है। बैठक के बाद 107 ग्राम पंचायतों की स्थिति सबसे खराब होने की बात सामने आई है।
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107
ग्राम
सचिव
की
सैलरी
रूकी
ग्राम
विकास
अधिकारियों
के
साथ
प्रशासन
की
समीक्षा
बैठक
के
बाद
107
ग्राम
सचिवों
की
सैलरी
को
रोक
दिया
गया
है।
साथ
ही
इन
तमाम
सचिवों
को
इस
बात
की
सरकार
की
ओर
से
सख्त
हिदायत
दी
गई
है
कि
अगर
तय
समय
के
सीमा
के
भीतर
शौचालय
निर्माण
का
कार्य
पूरा
नहीं
किया
जाता
है
तो
इन
ग्राम
सचिवों
के
निलंबन
की
कार्रवाई
की
जाएगी।
सरकार
के
इस
सख्त
रुख
के
बाद
इन
सभी
ग्राम
पंचायतों
में
हड़कंप
मच
गया
है।
तत्काल
निर्माण
के
दिए
गए
निर्देश
वर्ष
2016-17
व
2017-18
में
जिन
जगहों
पर
शौचालय
का
निर्माण
पूरा
होना
था
वहां
पूरा
नहीं
हो
पाया
है।
शुक्रवार
को
मऊ
जनपद
मुख्यालय
में
की
गई
समीक्षा
बैठक
में
तमाम
सचिवों
से
इस
बाबत
रिपोर्ट
मांगी
गई
थी
गांव
में
कितने
शौचालयों
का
निर्माण
हुआ
है।
बैठक
में
इस
बात
के
भी
निर्देश
दिए
गए
हैं
कि
इन
तमाम
जगहों
पर
जल्द
से
जल्द
शौचालय
का
निर्माण
करके
भारत
सरकार
की
वेबसाइट
पर
रजिस्टर
करें।