परीक्षाओं में सख्ती से यूपी बोर्ड से हुआ छात्रों का मोहभंग, 10 लाख कम आए आवेदन
इलाहाबाद। यूपी बोर्ड परीक्षाओं में चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। 2019 में आयोजित होने वाली हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षाओं में पिछले साल की अपेक्षा परीक्षार्थी घट गए है। इसमें सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह आंकड़ा छोटी-मोटी संख्या नहीं है बल्कि 10 लाख से अधिक परीक्षार्थी सीधे तौर पर कम हो गए हैं।
कड़ाई
से
टूटा
माफिया
का
नेटवर्क
उत्तर
प्रदेश
में
योगी
सरकार
के
सत्तारूढ़
होने
के
बाद
यूपी
बोर्ड
की
परीक्षा
को
नकलविहीन
कराने
के
लिए
तमाम
कड़े
इंतजाम
किए
गए
थे।
परीक्षा
केंद्र
में
कमरों
के
अंदर
सीसीटीवी
कैमरे
से
लेकर
एसटीएफ
तक
को
नकल
रोकने
के
लिए
लगाया
गया
था।
जिसके
चलते
इस
बार
12
लाख
से
अधिक
परीक्षार्थियों
ने
बीच
में
ही
परीक्षा
छोड़
दी
थी
और
बीते
वर्ष
की
तुलना
में
इस
वर्ष
का
रिजल्ट
भी
कुछ
नीचे
आ
गया
था।
ऐसे
में
इस
बार
पूरी
उम्मीद
है
कि
सरकार
अपनी
नकल
विहीन
परीक्षा
को
कराए
जाने
के
लिए
चला
रही
नीति
को
और
अधिक
प्रभावी
बनाएगी।
जिससे
नकल
माफियाओं
का
पार
पाना
मुश्किल
होगा।
यही
कारण
है
कि
नकल
के
सहारे
पास
होने
वाले
परीक्षार्थियों
ने
इस
बार
यूपी
बोर्ड
को
टाटा
बाय
बाय
कर
दिया
है
और
बोर्ड
के
पंजीकरण
से
दस
लाख
अभ्यार्थी
कम
हो
गये
हैं।
क्या
है
आंकड़ा
उत्तर
प्रदेश
माध्यमिक
शिक्षा
परिषद
की
सचिव
नीना
श्रीवास्तव
ने
बताया
कि
10वीं
व
12वीं
के
पंजीकरण
की
आखिरी
तिथि
20
अगस्त
को
थी।
रात
12
बजे
तक
होने
वाले
पंजीकरण
को
स्वीकार
किया
गया
है।
पंजीकरण
समाप्त
होने
के
बाद
2019
की
परीक्षा
के
लिए
56
लाख
46
हजार
छात्र-छात्राओं
के
पंजीकरण
का
आंकड़ा
सामने
आया
है।
इसमे
हाईस्कूल
में
31.56
लाख
और
इंटरमीडिएट
में
24.90
लाख
छात्र-छात्राओं
का
पंजीकरण
हुआ
है।
उन्होंने
बताया
कि
पिछले
वर्ष
की
तुलना
में
इस
बार
10
लाख
से
अधिक
परीक्षार्थियों
की
संख्या
घट
गई
है।
पिछले
साल
का
आंकडा
बोर्ड
द्वारा
उपलब्ध
कराए
गए
आंकड़े
के
अनुसार
2018
में
10वीं
व
12वीं
की
परीक्षा
में
66.39
लाख
परीक्षार्थी
पंजीकृत
हुए
थे।
जिसमें
हाईस्कूल
में
36,56,272
और
इंटर
में
29,82,996
यानि
6639268
परीक्षार्थी
पंजीकृत
थे।
जबकि
वर्ष
2017
की
परीक्षा
में
इंटर
और
हाईस्कूल
में
कुल
60
लाख
61
हजार
34
परीक्षार्थी
पंजीकृत
हुए।
चूंकि
कई
साल
से
लगातार
बोर्ड
की
परीक्षाओं
में
परीक्षार्थियों
की
संख्या
बढ़
रही
थी।
यानी
पंजीकरण
लगातार
बढ़
रहा
था।
लेकिन,
अचानक
से
इस
वर्ष
एकाएक
10
लाख
परीक्षार्थियों
की
संख्या
में
कमी
आई
है।
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