भीख मांगने वाले की मौत के बाद झोपड़ी में नोटों से भरे मिले 4 बक्शे, गिनने में लग गया 3 घंटे का वक्त
मऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले साल कोरोना महामारी तेजी से फैली, जिसकी चपेट में मऊ के एक बाबा भी आ गए। बाद में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। वैसे बाबा दिन में भीख मांगते और फिर रात को एक झोपड़ी में गुजर-बसर करते। उनकी मौत के सालभर बाद भी वो झोपड़ी वैसे पड़ी रही। कुछ लोगों के मन में जिज्ञासा उसके अंदर रखे सामान को देखने की थी, जिस वजह से उन्होंने प्रशासन के पास फरियाद लगाई। इसके बाद जो हुआ उसने इलाके के लोगों के होश उड़ा दिए।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तलाशी
स्थानीय प्रशासन के मुताबिक शहर कोतवाली क्षेत्र के सोनीधापा मैदान के पास एक बाबा रहते थे। जो इलाके में घूम-घूम कर भीख मांगा करते थे। पिछले साल वो कोरोना वायरस की चपेट में आए। प्रशासन ने उनका इलाज करवाया लेकिन जान नहीं बच पाई। आसपास के लोग उन्हें जानते थे, जिस वजह से उन्होंने प्रशासन से झोपड़ी की तलाशी लेने को कहा। जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट पुलिस टीम के साथ झोपड़ी में पहुंचे और उसका चप्पा-चप्पा छान मारा।
आधा दर्जन लोग गिनती में लगे
झोपड़ी की तलाशी के दौरान प्रशासनिक टीम को चार बक्शे और बाबा के कुछ सामान मिले। उन्होंने जब बक्शे को खोलकर देखा तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि वो सभी नोटों से भरे थे। नोटों के अलावा उसमें बड़ी संख्या में सिक्के भी थे। प्रशासन का अनुमान है कि बाबा भीख में जो पैसे पाते थे, वो लाकर इसी में रख देते थे। इसके बाद चार बक्शों को थाने लाया गया और आधा दर्जन लोग पैसे गिनने के काम में लगे। नोट और सिक्के गिनने वाली टीम ने तीन घंटे का वक्त लगाया, तब जाकर उस पूरी राशि की गिनती हो पाई।
1.56 लाख से ज्यादा धनराशि
सिटी मजिस्ट्रेट जेएन सचान के मुताबिक बक्शे में एक, दो और पांच के नोट/सिक्के ज्यादा थे। इसके अलावा दस, बीस, पचास और सौ रुपयों के नोट भी बरामद हुए। गिनती के बाद पता चला कि चारों बक्शे में कुल 1 लाख 56 हजार 382 रुपये हैं। जिसको ट्रेजरी में जमा करवा दिया गया। वहीं भीख मांगने वाले के पास इतने पैसे होने की खबर शहर में आग की तरह फैली और उसे जानकर लोग भी हैरान रह गए।
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