नोटबंदी से राहत में अखिलेश के ये फैसले भाजपा के लिए बन सकते हैं मुसीबत
नोटबंदी के बीच अखिलेश यादव ने ऐसे कई ऐलान किए, जिसका नुकसान भाजपा को हो सकता है।
लखनऊ। नोटबंदी के केंद्र सरकार के फैसले का एक तरफ जहां तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अखिलेश यादव ने नोटबंदी से राहत देने के लिए कई ऐसे फैसले लिए जो जनता के लिए राहत भरी साबित हुई।
8 नवंबर को जब नोटबंदी का फैसला लिया गया तो सबसे अधिक दिक्कत उन लोगों को हुई जिनके घर में विवाह कार्यक्रम था। हालांकि केंद्र सरकार ने इस मुसीबत से राहत देने के लिए ढाई लाख रुपए की निकासी की इजाजत दी थी लेकिन बावजूद इस राहत के लोगों को पैसा निकालने में दिक्कत हो रही थी।
लड़कियों के विवाह के लिए दिया पैसा
नोटबंदी के बीच अखिलेश यादव ने गरीब लड़कियों के विवाह के लिए बड़ी योजना की शुरुआत करते हुए बीस हजार रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान किया, इसका लाभ प्रदेशभर की दो लाख लड़कियों को दिया जाएगा।
रजिस्ट्री में छूट
अखिलेश यादव ने नोटबंदी के बाद प्रदेश में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री में भी ब़ड़ी छूट दी। उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री कराने में लोगों को पुराने 500 और एक हजार रुपए के नोट इस्तेमाल करने की छूट दी गई। इस फैसले के चलते लोगों का काफी राहत मिली।
बैंक लाइन में मरने वालों को मुआवजा
बैंकों और एटीएम से पैसा निकालने के लिए देशभर में लोगों की लाइनें लगी हैं, कई जगहों से खबरें भी आई कि इन लाइनों में लोगों की मृत्यु हो गई है। लेकिन उत्तर प्रदेश एकलौता ऐसा राज्य बना जहां बैंक लाइन या एटीएम की लाइन में मरने वालों को मुआवजा दिया जाएगा। अखिलेश यादव ने उन सभी लोगों के परिजनों को दो लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है जिनकी मौत बैंक या एटीएम की लाइन मे हुई है। इसके लिए डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए।
टीपू की सियासत
अखिलेश यादव के इस फैसले सियासी चश्मे से भी देखा जा रहा है। यूपी चुनाव बेहद नजदीक हैं, ऐेसे में अखिलेश यादव के इस फैसले के पीछ राजनीतिक लाभ लेने का मकसद साफ दिखता है। नोटबंदी के फैसले को एक साल से अधिक हो चुका है, लेकिन पैसे की किल्लत खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में अखिलेश यादव की इन योजनाओं का असर आम लोगों पर साफ पड़ेगा।
क्या होगी भाजपा की रणनीति
एक तरफ जहां भाजपा यूपी चुनाव में नोटबंदी के फैसले को भुनाने की योजना बना रही है तो अखिलेश यादव द्वारा दी गई यह सहूलियतें नरेंद्र मोदी की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि यूपी चुनाव तक यह स्थिति बनी रहती है या फिर केंद्र सरकार फिर किसी बड़ी योजना को लाकर इस मुद्दे पर भी बड़ी चोट करे।