उन्नाव रेप केस: AIIMS से डिस्चार्ज हुई रेप पीड़िता, कोर्ट ने दिल्ली में रुकने के दिए निर्देश
उन्नाव। उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से मंगलवार को छुट्टी दे दी गई है। पीड़िता को अगले सात दिनों तक जय प्रकाश नारायण ट्रामा सेंटर के हॉस्टल में रखा जाएगा। दरअसल, 19 सितंबर को सीबीआई ने विशेष अदालत में पीड़िता की सुरक्षा को लेकर अपनी रिपोर्ट दाखिल की थी। सीबीआई ने कहा है कि गवाह संरक्षण के तहत पीड़िता और उसके परिवार को 'ए कैटेगरी' का खतरा है। वहीं, पीड़िता के परिवार वालों ने कोर्ट से कहा कि उनकी जान को उनके गांव में खतरा है लिहाजा अपनी सुरक्षा के मद्देनजर वह दिल्ली में ही रहना चाहते है। इसके बाद अदालत ने गवाह सुरक्षा दिशा-निर्देशों के तहत ये निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार के विशेष सचिव धर्मेन्द्र मिश्रा की ओर से दायर रिपोर्ट में कहा गया कि उनकी सुरक्षा के सिलसिले में संबंधित अधिकारियों से संपर्क भी किया था और अधिकारियों को बताया गया था कि परिवार दिल्ली में रहना चाहता है। कोर्ट ने पीड़ित परिवार के वकील से दिल्ली में पीड़िता के परिवार को रहने की जगह की व्यवस्था कर कोर्ट को बताने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक यूपी सरकार पीड़िता और उसके परिवार के खर्चे का वहन करे। वहीं मामले की अगली सुनवाई 28 सितम्बर को होगी।
पीड़िता को 28 जुलाई को एक दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। वहीं, पीड़िता की मौसी और चाची की मौके पर ही मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा मिली हुई है। बहन और भाई के साथ पीड़िता मां अभी दिल्ली में उसके साथ है। बता दें कि उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता के पिता को झूठे आर्म्स केस में फंसाने और पुलिस हिरासत में उनकी मौत के मामले में बाहुबली विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने हाल ही में सुनवाई करते हुए प्रथमदृष्टया पाया कि मामले में बड़ी साजिश रची गई है। कोर्ट के मुताबिक, पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन उसने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। साथ ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 गंभीर चोट के निशान पाए गए थे।