उन्नाव: इमाम की चेतावनी के बाद सड़क पर उतरे हिंदू संगठन के कार्यकर्ता, गिरफ्तारी की मांग
उन्नाव। 'जय श्री राम' नहीं बोलने पर पिटाई के आरोप में जामा मस्जिद के इमाम की चेतावनी के बाद शुक्रवार को हिंदू संगठन के कार्यकर्ता सड़क पर आ गए। तनाव को देखते हुए शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए। कई थानों की पुलिस बुलाई गई। साथ ही पीएसी को भी शांति व्यवस्था के लिए लगाई गई। डीएम देवेंद्र कुमार पांडे ने लोगों से कहा कि किसी के साथ कुछ गलत नहीं होगा।
इमाम की गिरफ्तारी की मांग
हिंदू युवा वाहिनी के जिला प्रभारी मनीष सिंह चंदेल ने कहा कि मदरसा प्रबंधन के धमकी भरे बयानों से लोग डरे सहमे हैं। मदरसा प्रबंधक द्वारा कहे गए शब्द से यह प्रतीत होता है कि उन्हें देश के संविधान और कानून की मर्यादा की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने एसपी से शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए मदरसा के प्रधानाचार्य के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की है। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मदरसा के खिलाफ जांच कराए जाने की भी मांग की है।
क्या है मामला
सदर कोतवाली क्षेत्र के जीआईसी मैदान में क्रिकेट खेल रहे मदरसा छात्रों के साथ हुई मारपीट की घटना में मॉब लिंचिंग का आरोप लगाया गया। छात्रों का कहना था कि आरोपी धार्मिक नारे को लगाने के लिए कह रहे थे और नहीं लगाने पर उन्होंने ईटों व बैट से मारा, जिसमें 4 छात्र घायल हो गए। घटना की जानकारी जैसे ही मदरसा में पहुंची। माहौल गरम हो गया। जामा मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होने लगे। घटना की जानकारी मिलते ही नगर मजिस्ट्रेट, क्षेत्राधिकारी नगर जामा मस्जिद पहुंच गए।
इमाम ने दी थी चेतावनी
सदर कोतवाली प्रभारी भी मय फोर्स के मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घायल छात्रों से बातचीत की। इस संबंध में क्षेत्राधिकारी नगर उमेश चंद्र त्यागी ने घटना की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि घायल मदरसा के छात्रों का मेडिकल कराया गया है। तहरीर के आधार पर चार लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया है। इधर, जामा मस्जिद के इमाम ने कहा है कि यदि शुक्रवार जुम्मा की नमाज तक गिरफ्तारी नहीं होती है तो जो कहीं नहीं हुआ वह यहां होगा।
ये भी पढ़ें: बीएचयू में दलित छात्रा को टॉयलेट के इस्तेमाल से रोका, कॉलेज प्रशासन ने खारिज किए आरोप